केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले उद्यमियों के लिये एक जनवरी 2021 से बिजनेस-से- बिजनेस (बी2बी) सौदों पर इलेक्ट्रानिक बिल की आवश्यकता को अनिवार्य कर दिया है. माल एवं सेवाकर (GST) कानून के तहत 500 करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक कारोबार करने वाले उद्यमियों के लिये बी2बी लेनदेन के लिये ई- बिल प्राप्त करना एक अक्टूबर 2020 से अनिवार्य है.
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केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा है कि ई- बिल की व्यवस्था को एक जनवरी 2021 से 100 करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक का कारोबार करने वाले उद्यमियों के बी2बी लेनदेन में भी लागू कर दिया जायेगा.
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कर चोरी पर अंकुश लगाने और कर संग्रह बढ़ाने में मिलेगी मदद
ई- बिल व्यवस्था के तहत जीएसटी करदाता को अपने आतंरिक सिस्टम (ईआरपी, लेखा अथवा बिलिंग साफ्टवेयर) पर बीजक निकालना होता है और उसके बाद उसे बीजक पंजीकरण पोर्टल (आईआरपी) को आनलाइन भेजना होता है. आईआपी उस बीजक में दी गई जानकारी की वैधता की पुष्टि करेगा और उसके बाद डिजिटल हस्ताक्षर वाले इस बिल को विशिष्ट बीजक संदर्भ नबर (आईआरएन) और क्यूआर कोड के साथ करदाता को लौटा दिया जायेगा. डेलायट इंडिया के वरिष्ठ सलाहकार प्रकाश कुमार ने कहा कि इस व्यवसथा के अमल में आने से कर चोरी पर अंकुश लगाने और कर संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी.