केंद्र सरकार ने Amazon और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट-Flipkart के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्देश दिया है. इन कंपनियों द्वारा एफडीआई नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के व्यापक उल्लंघन के लिए कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) लंबे समय से इन कंपनियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. इसी मांग के आधार पर सरकार ने यह कड़ा संज्ञान लिया है.
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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि कैट द्वारा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को हाल ही में अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट के खिलाफ की गई कई शिकायतों के आधार पर यह कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने दिसंबर में जारी अपने पत्र में प्रवर्तन निदेशालय और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों को अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है.
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डीपीआईआईटी ने कैट की चार शिकायतों को सामने रखा
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि ईडी और आरबीआई को दिए अपने संचार में, डीपीआईआईटी ने कैट की चार शिकायतों को सामने रखा है. कैट का आरोप है कि इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने विदेशी निवेश की नीतियों का जमकर उल्लंघन किया है. साथ ही फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट 1999 (फेमा) के नियमों का भी इन कंपनियों ने उल्लंघन किया है. भरतिया ने कहा कि फ्लिपकार्ट और आदित्य बिरला ग्रुप के बीच हुई डील में सीधे तौर पर एफडीआई के नियमों का उल्लंघन हुआ है. कैट ने कहा कि अगले साल पूरे देश के व्यापारी ई-कॉमर्स के खिलाफ व्यापार सम्मान वर्ष मनाएंगे.