देश की एक और दिग्गज कंपनी बिकने जा रही है. दरअसल, बैटरी (Battery) बनाने वाली कंपनी एवरेडी (Eveready) भारी कर्ज के बोझ तले दबी हुई है. यही वजह है कि कंपनी अपना कुछ हिस्सा बेचने जा रही है. वॉरेन बफे (Warren Buffetts) की बर्कशर हैथवे की ड्यूरासेल इंक (Duracell) ने बी एम खेतान की कंपनी एवरेडी इंडस्ट्रीज की बैटरी और फ्लैशलाइट कारोबार को खरीदने की योजना बनाई है. बता दें कि इस डील के लिए एनर्जाइजर होल्डिंग्स भी होड़ में थी. गौरतलब है कि भारी कर्ज की वजह से पिछले कुछ वर्षों में देश में जेट एयरवेज, किंगफिशर एयरलाइंस और रिलायंस टेलिकॉम जैसी कंपनियां दम तोड़ चुकी हैं.
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कितने में होगी डील
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्यूरासेल और एवरेडी में यह डील 1,600-1,700 करोड़ रुपये में हो सकती है. बता दें कि इस डील के तहत मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और एवरेडी ब्रांड शामिल किए जाएंगे. दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत आखिरी चरण में है और जल्द ही डील को लेकर घोषणा हो सकती है. गौरतलब है कि खेतान फैमिली और ड्यूरासेल के बीच डील को लेकर काफी समय से बातचीत चल रही थी. इसके अलावा अमेरिकी कंपनी एनर्जाइजर से भी डील की संभावना तलाशी जा रही थी. बता दें कि अमेरिका और चीन में एनर्जाइजर के पास एवरेडी ब्रांड है. खेतान परिवार कुछ प्राइवेट इक्विटी कंपनियों से भी सौदे के लिए बातचीत कर रहा था.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी कंपनी ड्यूरासेल को सिर्फ भारत में एवरेडी ब्रांड पर मालिकाना हक मिल पाएगा. डील पूरा होने के बाद ड्यूरासेल को 1.5 अरब बैटरियां और सालाना 2 करोड़ से ज्यादा फ्लैशलाइट्स उत्पादन करने वाले वाले बिजनेस का स्वामित्व मिल जाएगा. इस बिजनेस से करीब 900 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. बता दें कि एवरेडी पर यूको बैंक, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), ICICI बैंक, आरबीएल बैंक, इंडसइंड बैंक समेत कई लेंडिंग इंस्टीट्यूशंस का कुल 700 करोड़ रुपये का कर्ज है. ऐसे में यह डील कंपनी को कर्ज चुकाने में काफी मददगार साबित होगा.