केंद्र की नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार कर्ज में डूबी कंपनियों को बड़ी राहत देने की योजना बना रही है. देश की वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि सरकार ऋण शोधन कानून (Insolvency And Bankruptcy Code-IBC) के तहत नई कार्रवाई को और तीन महीने के लिये निलंबित रखने की योजना बना रही है.
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बता दें कि सरकार के इस कदम से कर्ज लेने वाली उन कंपनियों को राहत मिलेगी जो कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) से प्रभावित हुए हैं. बेंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स (बीसीआईसी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनियों और लोगों की मदद के लिये कई उपाय किये हैं जिसमें कर भुगतान की तारीख को आगे बढ़ाया जाना भी शामिल है. कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रही सीतारमण ने कहा कि न केवल अनुपालन के मामले में बल्कि कराधान से संबंधित भुगतान की समयसीमा आगे बढ़ाकर भी राहत दी गयी है. इन सबका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी को कठिनाई नहीं हो.
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सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को मिलेगी राहत
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने ऋण शोधन के तहत कार्रवाई शुरू करने के मामले में फंसे कर्ज की न्यूनतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की है. इससे मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को कर्ज लौटाने में चूक को लेकर दिवाला कानून के तहत कार्रवाई से राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत की नया मामला लाने की कार्रवाई को निलंबित रखने की समयसीमा को भी 25 दिसंबर से और तीन महीने के लिये 31 मार्च 2021 तक निलंबित किया जा सकता है.
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संसद ने सितंबर में आईबीसी में संशोधन से जुड़े विधेयक को दी थी मंजूरी
वित्त मंत्री ने कहा कि यानी पूरे साल आईबीसी निलंबित रहेगा. हर उद्योग महामारी के कारण संकट से गुजरा है। ऐसे में महामारी के दौरान किसी को भी दिवाला प्रक्रिया की ओर खींचना ठीक नहीं होता. नई ऋण शोधन कार्रवाई को निलंबित रखने को लेकर जून में अध्यादेश लाया गया था. यह 25 मार्च से प्रभाव में आया. उसी दिन से देश भर में ‘लॉकडाउन’ लगाया गया था. संसद ने सितंबर में आईबीसी में संशोधन से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी जिसने अध्यादेश का स्थान लिया. (इनपुट भाषा)