किंगफिशर की तरह एक और फ्लाइट दुर्गति की ओर बढ़ रही है. गो फर्स्ट एयरलाइन ने 3 और 4 मई को अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया है. एयरलाइन गंभीर नकदी संकट से जूझ रही है. इसके साथ कंपनी ने तेल कंपनियों को भुगतान भी नहीं किया है. ऐसे में जिन लोगों ने इन दो दिनों के लिए फ्लाइट बुक कराई है, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ऐसा बताया जा रहा है कि वाडिया ग्रुप एयरलाइन में निवेशकों की तलाश में जुटी है.
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ऑयल मार्केटिंग कंपनी के एक अफसर के अनुसार एयरलाइन कैश एंड कैरी मोड पर है. इसका अर्थ है कि इसे ऑपरेट करने वाली उड़ानों की संख्या के लिए दैनिक भुगतान की जरूरत है. इस बात पर सहमति बनाई गई है कि अगर समय पर भुगतान नहीं हो पाता है तो वेंडर कारोबार को बंद कर सकते हैं. इससे यह साफ हो जाता है कि ये फ्लाइट उसी ओर बढ़ रही है, जिधर किंगफिशर गई थी. हालांकि गो फर्स्ट की ओर से इस मामले में अभी कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
गो फर्स्ट के कुल बेड़े की बात करें तो इनकी संख्या 61 है. जुलाई 2022 में पहली बार इस कंपनी के सामने इस तरह का संंकट आया था. इस दौरान उसे विमान की उड़ानों को रद्द करना पड़ा. इसके बाद से विमान कंपनी की स्थिति बिगड़ने लगी. मई 2022 में विमान कंपनी ने 127 मिलियन यात्रियों को सफर कराया. वहीं फरवरी में 963000 यात्रियों को ले जाने वाली बजार में हिस्सेदारी आठ प्रतिशत तक है.
HIGHLIGHTS
- एयरलाइन ने 3 और 4 मई को अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया
- वाडिया ग्रुप एयरलाइन में निवेशकों की तलाश में जुटी
- बजार में हिस्सेदारी आठ प्रतिशत तक है