देश की बड़ी ई-कामर्स कंपनियों में से एक फ्लिपकार्ट ने अपने ऑनलाइन सर्विसेज बोर्ड के 75 फीसदी शेयर वॉलमार्ट को बेचने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए फ्लिपकार्ट और वालमार्ट के बीच करीब 15 अरब डॉलर यानी करीब 1,00,318 करोड़ रुपये की डील हुई है।
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार इस डील में सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन अपनी 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेच रहा है। सॉफ्टबैंक के फ्लिपकार्ट में शेयर शामिल हैं।
खबर यह भी है कि गूगल पैरंट अल्फाबेट भी वॉलमार्ट के साथ इस सौदे में शामिल हैं। हालांकि सौदा अभी तय नहीं है और इसमें बदलाव की भी संभावनाएं हैं। 10 दिन में सब सामने आ जाएगा।
माना जा रहा है कि वालमार्ट दुनियाभर में अपनी पहुंच बनाने के लिए यह डील तय कर रही है।
अगर यह डील हो जाती है तो अमेजन को बड़ा झटका लगेगा।
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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से चर्चा थी कि अमेजन भारतीय बाजार पर कब्जा जमाने के इरादे से फ्लिपकार्ट के बड़े शेयर खरीदना चाहता था।
ऐसा कहा जा सकता है कि फ्लिपकार्ट ने जान बूझकर अमेजन का प्रभाव कम करने के लिए यह डील की है।
बता दें कि इस मामले में सॉफ्टबैंक, फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट और गूगल ने टिप्पणी करने से इंकार किया है।
फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट इसलिए भी इन्वेस्ट कर रहा है कि क्योंकि वह खुद अमेजन से चुनौती का सामना कर रहा है।
अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस पहले ही भारत में 5.5 अरब डॉलर इन्वेस्ट करने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं और यह संकेत भी दे चुके हैं कि मार्केट लीडर बनने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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Source : News Nation Bureau