केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) में स्वत: मंजूरी मार्ग (Automatic Route) से 74 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी दे दी है. विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने बृहस्पतिवार को जारी एक प्रेस नोट में यह कहा था. इसमें कहा गया है कि हालांकि, रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर होने वाली जांच पर निर्भर करेगा और सरकार रक्षा क्षेत्र में ऐसे किसी भी विदेशी निवेश की समीक्षा का अधिकार सुरक्षित रखती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है या कर सकता है.
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अभी तक ऑटोमेटिक रूट से सिर्फ 49 फीसदी विदेशी निवेश की थी अनुमति
मौजूदा एफडीआई नीति के तहत रक्षा उद्योग में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमिति है, इसमें 49 प्रतिशत स्वत: मंजूरी के मार्ग से जबकि इससे ऊपर के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत पड़ती है. प्रेस नोट 4 (2020 श्रृंखला) के अनुसार जो कंपनियां नये औद्योगिक लाइसेंस चाह रही हैं, उनके लिये स्वत: मंजूरी मार्ग से 74 प्रतिशत तक एफडीआई की मंजूरी होगी. इसमें कहा गया है कि ऐसी कंपनी जो औद्योगिक लाइसेंस नहीं मांग रही है या जिसके पास पहले से रक्षा क्षेत्र में एफडीआई के लिये सरकार की मंजूरी है उनमें 49 प्रतिशत तक नये निवेश से अगर इक्विटी/शेयरधारिता प्रतिरूप में बदलाव होता है या मौजूदा निवेशक द्वारा 49 प्रतिशत तक एफडीआई के लिये हिस्सेदारी नये विदेशी निवेशकों को हस्तांतरित की जाती है, उसके बारे में अनिवार्य रूप से रक्षा मंत्रालय के समक्ष यह घोषणा करने की जरूरत होगी.
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उन्हें इस प्रकार के बदलाव के 30 दिन के भीतर यह सूचना देनी होगी. ऐसी कंपनियों को 49 प्रतिशत से अधिक एफडीआई बढ़ाने के प्रस्ताव पर सरकार से मंजूरी लेनी होगी. प्रेस नोट के अनुसार यह निर्णय फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) अधिसूचना की तारीख से प्रभाव में आएगा.