गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया कारोबार के दौरान अबतक के सबसे निचले स्तर 70.81 रुपए पर आ गया। फोरेक्स मार्केट खुलते ही रुपए में 18 पैसे टूट गया। बुधवार को भी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की गिरावट के साथ 70.59 के स्तर पर बंद हुआ था।
पेट्रोल-डीजल हो सकता है महंगा
डॉलर के मुकाबले रुपए के 70 रुपए के स्तर के पार पहुंचने का असर क्रूड के इंपोर्ट पर हो सकता है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करता है। ऐसे में डॉलर की कीमतें बढ़ने से इनके इंपोर्ट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। इंपोर्ट महंगा होगा तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा सकती हैं।
बढ़ सकती है महंगाई
देश में खाने-पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है। ऐसे में डीजल महंगा होते ही इन सारी जरूरी चीजों के दाम बढ़ेगा। वहीं, एडिबल ऑयल भी महंगे होगे।
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कहीं फायदा भी
रुपए के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने का सबसे ज्यादा फायदा आईटी, फॉर्मा के साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर को होगा। इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की ज्यादा कमाई एक्सपोर्ट बेस है। ऐसे में डॉलर की मजबूती से टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो जैसी आईटी कंपनियों के साथ यूएस मार्केट में कारोबार करने वाली फार्मा कंपनियों को होगा। इसके अलासवा ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसे गैस प्रोड्यूसर्स को डॉलर में तेजी का फायदा मिलेगा क्योंकि ये कंपनियां डॉलर में फ्यूल बेचती हैं।
Source : News Nation Bureau