कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई-RBI) के रेपो दर में कटौती के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया और साथ ही आरोप लगाया कि कर्ज पर किश्तों के भुगतान की तिथि को आगे बढ़ाने का फैसला स्पष्ट नहीं है, जिससे कर्ज लेने वालों को निराशा होगी. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि मैं रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती के आरबीआई के फैसले और अधिक नकदी प्रदान करने के लिए उठाए कदमों का स्वागत करता हूं. बहरहाल, ईएमआई की तिथि आगे बढ़ाने पर आरबीआई का निर्देश अस्पष्ट है और यह अधूरे मन से किया गया है. मांग यह है कि सभी ईएमआई के भुगतान की तिथियां स्वत: आगे बढ़नी चाहिए.
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उन्होंने दावा किया कि मैंने सुझाव दिया था कि सभी तिथियों को 30 जून तक बढ़ाया जाए. अब कर्ज लेने वालों को बैंकों पर निर्भर बना दिया गया है और वे निराश होंगे. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती सहित कई निर्णयों की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि कर्ज की ईएमआई चुकाने में 3 महीने की छूट मिलेगी.
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रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.75 फीसदी घटाया
रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 0.75 प्रतिशत घटाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया वहीं रिवर्स रेपो दर में 0.90 प्रतिश्त की कमी कर इसे 4 प्रतिशत पर ला दिया. रेपो दर वह दर होती है जिसपर केन्द्रीय बैंक अल्पावधि के लिये बैंकों को नकदी उपलब्ध कराता है, वहीं रिवर्स रेपो दर के जरिये वह बाजार से अतिरिक्त नकदी को सोखता है. मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्यों ने रेपो दर में कटौती के पक्ष में जबकि दो ने विरोध मे मतदान किया.
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बैंकों के पास अधिक नकदी उपलब्ध हो इसके लिये उनके नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को एक प्रतिशत घटाकर तीन प्रतिशत पर ला दिया गया. गवर्नर ने कहा कि सीआरआर में कटौती, रेपो दर आधारित नीलामी समेत अन्य कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अतिरिक्त 3.74 लाख करोड़ रुपये के बराबर अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुये है. जरूरत पड़ने पर नकदी बढ़ाने के लिये हर संभव कदम उठाये जायेंगे.