फ्यूचर समूह (Future Group) के रिलायंस समूह (Reliance Group) के साथ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा करने के बाद फ्यूचर समूह और ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन (Amazon) के बीच शुरू हुआ विवाद अब दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) पहुंच गया है. दोनों कंपनियों ने अदालत में अलग-अलग कैवियट याचिका दायर की हैं ताकि मामले में केवल एक पक्ष को सुनकर फैसला न सुनाया जाए. किशोर बियानी (Kishore Biyani) के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में केवियट याचिका दो नवंबर को दायर की थी. सूत्रों ने जानकारी दी कि अमेजन ने भी कैवियट लगायी है. हालांकि अमेजन ने इस बारे में टिप्पणी करने से मना कर दिया.
यह भी पढ़ें: Sensex Open Today: शुरुआती कमजोरी के बाद शेयर बाजार में मजबूती, सेंसेक्स 150 प्वाइंट बढ़ा
अमेजन ने फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी एफसीपीएल में पिछले साल अगस्त में खरीदी थी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी
दरअसल पूरा मामला फ्यूचर समूह के अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज की अनुषंगी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को अपना खुदरा एवं थोक कारोबार और फ्यूटर एंटरप्राइजेज लिमिटेड का लॉजिस्टिक एवं गोदाम कारोबार बेचने के सौदे से जुड़ा है. इस सौदे पर आपत्ति जताते हुए अमेजन का कहना है कि उसने फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी एफसीपीएल में पिछले साल अगस्त में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके लिए हुए सौदे में अमेजन को फ्यूचर समूह में निवेश करने के बारे में पहले पूछे जाने का अधिकार मिला है.
यह भी पढ़ें: वित्त मंत्रालय का बड़ा बयान, किसी भी सरकारी बैंक ने सेवा शुल्क में नहीं की बढ़ोतरी
साथ ही तीन से 10 साल की अवधि के बाद समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला है. एफसीपीएल की फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है. फ्यूचर रिटेल देशभर में बिगबाजार समेत 1500 से अधिक खुदरा स्टोर चलाती है जबकि फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया है. वर्तमान में भारतीय खुदरा बाजार, ई-वाणिज्य बाजार पर कब्जा करने को लेकर अमेजन, रिलायंस और वालमार्ट की फ्लिपकार्ट के बीच जंग छिड़ी है.
यह भी पढ़ें: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का सोने-चांदी पर पड़ेगा बड़ा असर, जानें आज की टॉप ट्रेडिंग कॉल्स
अमेजन, रिलायंस के साथ हुए फ्यूचर समूह के सौदे को रोकने के लिए सिंगापुर में एक अंतरराषट्रीय मध्यस्थता फोरम से 25 अक्टूबर को अपने पक्ष में अंतरिम आदेश प्राप्त करने में सफल रही है. फ्यूचर समूह ने अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा, ‘‘अमेजन की ओर से दाखिल की जाने वाली किसी भी तरह की याचिका पर किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं दिया जाए. दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 148ए के तहत इस संदर्भ में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को सूचना दी जाए. कंपनी ने कहा कि उसने केवियट याचिका की एक प्रतिलिपि अमेजन को भी भेजी है. उसने अमेजन को इसकी प्रतिलिपि के साथ लिखा है कि मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा नौ के तहत किसी भी तरह की याचिका दाखिल करने से 48 घंटे पहले आप (अमेजन) कंपनी को सूचित करेंगे.