अमेरिका और ईरान के बीच भू-राजनीतिक तनाव वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती के लिए जिम्मेदार है और इसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में दांव लगाने पर मजबूर हुए हैं, और सोने की कीमतें छह साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं. इस मूल्यवान धातु की मांग पिछले सप्ताह तब बढ़ी जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया कि वह भविष्य में 2019 में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठकों में ब्याज दर घटाएगा. अमेरिकी फेड के इस रुख से डॉलर कमजोर हुआ, जिसके कारण सोना सस्ता हो गया.
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केडिया एडवायजरी की रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया है, 'सोना लगातार महंगा बना हुआ है, और कीमतें छह साल के उच्चस्तर पर पहुंच रही हैं, क्योंकि दर कटौती की उम्मीदों पर एक कमजोर डॉलर, कारोबारी चिंताओं और बढ़ते अमेरिका-ईरान तनाव ने सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में बढ़ावा दिया है.'
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अगस्त एक्सपायरी सोने के अनुबंध में पिछले सत्र से 370 रुपये यानी 1.07 प्रतिशत तेजी के साथ 3,4811 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, सत्र के दौरान भाव 34,893 रुपये तक उछला.
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अगस्त एक्सपारी सोने के अनुबंध में भारतीय समयानुसार 19.48 बजे पिछले सत्र से 354 रुपये यानी 1.04 फीसदी की तेजी के साथ 34,380 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि सत्र के दौरान भाव 34,468 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला.