केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स) के लिए उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (Production Linked Incentive-PLI) योजना को वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक के लिए 6,238 करोड़ रुपये अधिक के बजटीय परिव्यय के साथ कार्यान्वित करने की मंजूरी दी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इसकी जानकारी साझा की है. बता दें कि पिछले हफ्ते आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6,238 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ श्वेत वस्तुओं (एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट) के लिए उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी दी थी.
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पीएलआई योजना का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्र आधारित अक्षमताओं को दूर करके, बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था का निर्माण और दक्षता को सुनिश्चित करते हुए भारत में विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है. इसकी रूपरेखा भारत में उपकरणों व कल-पुर्जों के सम्पूर्ण इको-सिस्टम को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है, ताकि भारत को वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जा सके. इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है. पीएलआई योजना के तहत एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट के निर्माण से जुड़ी कंपनियों को अगले 5 वर्षों के दौरान भारत में निर्मित वस्तुओं की वृद्धिमान बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन दिया जायेगा. वांछित क्षेत्रों में वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कल-पुर्जों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों की पहचान की गयी है। योजना के लिए कंपनियों का चयन कल-पुर्जों के निर्माण या उपकरण के हिस्से का निर्माण (सब असेम्बलिंग) को प्रोत्साहन देने के आधार पर किया जायेगा, जिन उपकरणों का वर्त्तमान में भारत में पूरी क्षमता के साथ निर्माण नहीं किया जा रहा है। तैयार वस्तुओं को सिर्फ जोड़ने (असेम्बल) के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया जायेगा.
The Government has approved the Production Linked Incentive (PLI) Scheme for White Goods (Air Conditioners and LED Lights) to be implemented over FY 2021-22 to FY 2028-29 with a budgetary outlay of Rs. 6,238 crore: Ministry of Commerce and Industry pic.twitter.com/9b9GUVRE41
— ANI (@ANI) April 17, 2021
विभिन्न लक्षित क्षेत्रों के लिए पूर्व-पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियां योजना में भाग लेने के योग्य मानी जायेंगी. ब्राउन फील्ड और ग्रीन फील्ड निवेश करने वाली कंपनियां भी प्रोत्साहन योजना के योग्य मानी जायेंगी. प्रोत्साहन का दावा करने के लिए आधार वर्ष पर निर्मित वस्तुओं के सन्दर्भ में वृद्धिमान निवेश और वृद्धिमान बिक्री की शर्त को पूरा करना होगा. भारत सरकार की किसी अन्य पीएलआई योजना का लाभ उठा रही कोई कंपनी समान उत्पाद के संदर्भ में योजना के तहत पात्र नहीं मानी जायेगी, लेकिन कंपनी, भारत सरकार या राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकती है. योजना को पूरे देश में लागू किया जायेगा और इसके लिए किसी स्थान, क्षेत्र या आबादी विशेष को ध्यान में नहीं रखा गया है. एमएसएमई कंपनियों समेत देश और विदेश की विभिन्न कंपनियों को इस योजना से लाभ मिलने की संभावना है. -इनपुट पीआईबी
HIGHLIGHTS
- अगले 5 वर्षों के दौरान भारत में निर्मित वस्तुओं की वृद्धिमान बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन दिया जाएगा
- सरकार की किसी अन्य पीएलआई योजना का लाभ उठा रही कोई कंपनी समान उत्पाद के संदर्भ में योजना के तहत पात्र नहीं मानी जाएगी