सिंगापुर के बैंक डीबीएस की राय में भारत सरकार विदेशी बाजारों में विदेशी मुद्रा में अंकित बांड जारी करके कर्ज जुटाने की योजना के तहत पहले साल में 5 अरब डालर की सीमा तय कर सकती है. लेकिन बैंक का कहना है कि देश के लिए इससे अच्छा विकल्प होगा कि सरकार घरेलू बांड में विदेशी निवेश पर लगी सीमा में ढ़ील दे क्यों कि बाहर विदेशी मुद्रा बांड जारी करने में जाखिम ज्यादा है.
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गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के बजट में विदेशी बाजारों में सरकारी बांड जारी कर कुछ कर्ज जुटाने की योजना की घोषणा की ताकि घरेलू बाजार में निजी क्षेत्र को कर्ज के लिए धन की कमी न पड़े. डीबीएस का कहना है कि विदेश में विदेशी मुद्रा में अंकित बांड जारी करने के साथ कई संभावित जोखिम जुड़े हैं. विदेशी विनिमय दर में उतार-चढाव का भार सरकार पर पड़ेगा, हेजिंग पर खर्च की जरूरत के कारण ऐसे बांडों पर बचत कम होगी, घरेलू वित्तीय बाजार पर विदेशी बाजारों के उतार चढाव का जोखिम बढ जाएगा तथा स्थानीय रिण बाजार में विदेशी पूंजी प्रवाह प्रभावित होगा.
डीबीएस की रपट में कहा गया है कि सरकार के ऐसे बांड से इस वित्त वर्ष में 10 अरब डालर तक जुटाने की अटकलें हैं पर उसकी राय में यह राशि 3 से पांच अरब डालर से ज्यादा नहीं हो सकती.
Source : PTI