केंद्र सरकार प्राकृतिक गैस की क़ीमत को बढ़ाकर 3.72 डॉलर प्रति इकाई एमएमबीटीयू करने का विचार कर रही है. इस मामाले से जुड़े सुत्रों के मुताबिक यह फ़ैसला एक अप्रैल से लागू किया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार के इस फ़ैसले से ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को लाभ होगा. इतना ही नहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की दर भी बढ़कर करीब 9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की जा सकती है, बता दें कि फ़िलहाल इसकी क़ीमत 7.67 डॉलर है.
अगर नया दर लागू हुआ तो यह लगातार चौथी बार गैस की कीमतों में वृद्धि होगी. प्राकृतिक गैस की कीमतें हर छह महीने (एक अप्रैल और एक अक्टूबर) में तय की जाती है. इसके लिए प्राकृतिक गैस की कीमतें गैस बेचने वाले अमेरिका, रूस और कनाडा जैसे देशों के गैस बिक्री केंद्रों में एक तिमाही समाप्त वर्ष में गैस की औसत दरों के आधार निर्धारित की जाती हैं.
ज्ञात आंकड़ों के अनुसार इस बार एक अप्रैल से इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. गैस की कीमतें बढ़ाने से ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे उत्पादकों का मुनाफा बढ़ेगा.
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इससे पहले सरकार ने एक अक्टूबर 2018 को प्राकृतिक गैस के घरेलू उत्पादकों को दी जाने वाली कीमत को 3.06 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 3.36 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी थी.
Source : News Nation Bureau