एयर इंडिया (Air India) की बिक्री के रास्ते खुल गए हैं. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने एयर इंडिया की 100 फीसदी इक्विटी शेयर पूंजी (equity share capital) के प्रबंधन नियंत्रण और बिक्री के लिए 'सैद्धांतिक रूप से' मंजूरी दे दी है. मोदी सरकार ने एयर इंडिया में हिस्सा बिक्री के लिए बोलियां मंगाई है. 17 मार्च तक बोली लगाई जा सकती है. मोदी सरकार एयर इंडिया एक्सप्रेस और AISATS में भी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. एयर इंडिया के संयुक्त उपक्रम AISATS में उसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी है.
Government of India (GOI) has given ‘in-principle’ approval for Strategic disinvestment of Air India (AI) by way of the transfer of management control&sale of 100% equity share capital of AI held by GOI which will include AI’s shareholding interest of 100% in AIXL &50% in AISATS. pic.twitter.com/246VZf6tVb
— ANI (@ANI) January 27, 2020
सफल बोली लगाने वालों को 31 मार्च तक दी जाएगी जानकारी
बिडिंग प्रक्रिया में सफल बोली लगाने वालों को 31 मार्च तक इसकी जानकारी दी जाएगी. बता दें कि सरकार की फिलहाल एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी है. 2018 में सरकार एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री का प्रस्ताव लाई थी, लेकिन उस दौरान उस पर बात नहीं बन पाई थी.
GOM में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के ड्राफ्ट को दी गई थी मंजूरी
बता दें कि इससे पहले एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के ड्राफ्ट को GOM की बैठक में मंज़ूरी दी गई थी और इस महीने के आखिर तक इसे जारी करने की बात निकलकर सामने आई थी. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा था कि बैठक अच्छी हुई है और जल्द इसपर बयान जारी किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले भी हरदीप सिंह पुरी एयर इंडिया के निजीकरण की बात कह चुके हैं. उन्होंने पहले कहा था कि कुछ समय से एयर इंडिया का कर्ज बढ़ता जा रहा है, जिसे अब जारी नहीं रखा जा सकता है.
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कर्ज से दबी है एयर इंडिया
एयर इंडिया भारी कर्ज से दबी हुई है वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,400 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. आपको बता दें कि पिछले काफी समय से एयर इंडिया को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज में नुकसान की वजह से कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा आपको बता दें कि एयर इंडिया को इतना घाटा उठाना पड़ा है कि इतने में एक और एयरलाइंस शुरू की जा सकती है. बहरहाल मौजूदा समय एयर इंडिया पर 60 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज है और करीब 70 हजार करोड़ के नुकसान में है.