कोरोना महामारी का असर जीएसटी कलेक्शन पर - राज्यों को नहीं मिल पा रहा पैसा - 2.35 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्शन शार्टफॉल - राज्यों को पैसा देने के लिए सरकार दूसरे विकल्पों पर करेगी विचार- दो पहिया इंडस्ट्री को कुछ नहीं मिला. GST जीएसटी की 41वीं बैठक से उम्मीद लगाए आम आदमी से लेकर इंडस्ट्री को भी मायूसी हाथ लगी, सरकार ने दो पहिया इंडस्ट्री को राहत नहीं दी जबकि दो पहिया वाहन मेन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्री की डिमांड थी, कि इस सेक्टर में जीएसटी दर को 28 फ़ीसदी से घटाकर 18 फ़ीसदी तक लाया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सरकार अपनी उलझने सुलझाने में लगी रही.
बैठक में दोपहिया वाहनों पर टैक्स कटौती को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है. इससे राहत की आस देख रहे आम आदमी को झटका लगा है. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि दोपहिया वाहनों पर टैक्स कटौती को लेकर कोई टाइमलाइन तय नहीं है. अब संभावना जताई जा रही है कि काउंसिल की अगली बैठक में इस पर विचार हो सकता है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक सितंबर में होगी.
राज्यों ने एक सप्ताह का समय मांगा
इस बैठक में राज्यों को दिए जाने वाले कंपनसेशन पर चर्चा हुई. वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि राज्यों को कंपनसेशन के दो विकल्पों पर चर्चा हुई है. इन दोनों विकल्पों पर विचार के लिए राज्यों ने 1 सप्ताह का समय मांगा है. वित्त सचिव ने बताया कि कंपनसेशन की यह व्यवस्था केवल वित्त वर्ष 2021 के लिए रहेगी. वित्त सचिव ने वित्त वर्ष 2021 में 65 हजार करोड़ रुपए के कंपनसेशन सेस कलेक्शन की उम्मीद जताई.
राज्यों के लिए केंद्र के पास हैं ये दो विकल्प
पहला विकल्प केंद्र उधार लेकर भुगतान करे.
दूसरा विकल्प राज्य खुद आरबीआई से उधार लें.
वित्त वर्ष 2021 में 2.35 लाख करोड़ का जीएसटी शॉर्टफॉल
वित्त सचिव ने बताया कि वित्त वर्ष 2021 में 2.35 लाख करोड़ का जीएसटी शॉर्टफॉल रह सकता है. इसमें से केवल 97 हजार करोड़ रुपए का शॉर्टफॉल जीएसटी लागू करने से होगा. जबकि शेष राशि का शॉर्टफॉल कोरोना महामरी के कारण होगा. वित्त सचिव ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण जीएसटी कलेक्शन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. वित्त सचिव के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल ने राय दी है कि जीएसटी कलेक्शन के शॉर्टफॉल की पूर्ति कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से नहीं की जा सकती है.
जीएसटी दर बढ़ाने पर चर्चा नहीं: वित्त सचिव
वित्त सचिव ने बताया कि काउंसिल की बैठक में जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. वित्त सचिव ने चालू वित्त वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपए के कंपनसेशन कलेक्शन की उम्मीद जताई है. वित्त सचिव ने बताया कि राज्यों के जीएसटी कंपनसेशन के लिए अप्रैल से जुलाई अवधि का 1.5 लाख करोड़ रुपए बकाया है. कोरोनावायरस महामारी की ओर संकेत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में दैवीय घटना की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी.
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने पर भी चर्चा नहीं आम आदमी पर असर जारी रहेगा
उम्मीद की जा रही थी कि जीएसटी काउंसिल पेट्रोलियम उत्पाद को जीएसटी के दायरे में लाने और उसके लिए कोई समय सीमा तय कर सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ कोरोना महामारी का असर काउंसिल की चर्चा और उनके फैसलों पर साफ देखा जा सकता है कि अभी सिर्फ जीएसटी कलेक्शन में जो समस्या आ रही है उसी पर पूरी तरह ध्यान दिया जा रहा है मुमकिन है हालात सुधारने के बाद इन सब विषयों पर जीएसटी काउंसिल अगली बैठक के दौरान फैसला ले.
Source : News Nation Bureau