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14 मार्च को होगी जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक, सस्ते हो सकते हैं ये प्रोडक्‍ट्स

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में परिषद (GST Council) की बैठक में जीएसटी नेटवक पोर्टल पर परिचालन संबंधी खामियों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

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Dhirendra Kumar
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माल एवं सेवा कर परिषद (GST Council)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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माल एवं सेवा कर परिषद (GST Council) की 14 मार्च को होने वाली बैठक में मोबाइल फोन, जूता-चप्पल और कपड़ा समेत पांच क्षेत्रों पर कर दरों को युक्ति संगत बनाया जा सकता है. साथ ही नये रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था तथा ई-इनववॉयस के क्रियान्वयन को टाले जाने की संभावना है. अधिकारियों ने कहा कि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में परिषद की बैठक में जीएसटी नेटवक पोर्टल पर परिचालन संबंधी खामियों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

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NHAI के फास्टैग व्यवस्था के अप्रैल से एकीकरण पर भी चर्चा करेगी

बैठक में इंफोसिस से इसके समाधान की योजना की मांग की जा सकती है. सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस को 2015 में जीएसटीएन नेटवर्क (GSTN Network) के तकनीकी प्रबंधन का ठेका दिया गया था. इसके अलावा राजस्व संग्रह बढ़ाने के बारे में भी चर्चा होगी क्योंकि केंद्र ने राज्यों को यह साफ कर दिया है कि उसके पास राज्यों को जीएसटी के क्रियान्वयन के कारण राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये कोष नहीं है. परिषद जीएसर्ट ई-वे बिल प्रणाली के एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के फास्टैग व्यवस्था के अप्रैल से एकीकरण पर भी चर्चा करेगी. इससे वस्तुओं की आवाजाही तथा जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जीएसटी पंजीकृत करदाताओं के आधार के तहत सत्यापन की तैयारी पर भी चर्चा की जाएगी.

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बैठक में जीएसटी के तहत प्रस्तावित लॉटरी योजना पर भी चर्चा होने की संभावना है. इसे एक अप्रैल से लागू करने का प्रस्ताव है. एक अधिकारी ने कहा कि परिषद जीएसटी दर के युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा करेगी. कुछ ऐसे मामले हैं जहां आयातित तैयार माल पर आयात शुल्क कम जबकि कच्चे माल पर शुल्क (उल्टा शुल्क ढांचा) अधिक है. इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड दावा अधिक बनता है. फिलहाल सेल्यूलर मोबाइल फोन पर 12 प्रतिशत शुल्क है जबकि इसके कुछ कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत है. जूते चप्पल के मामले में परिषद ने 1,000 रुपये मूल्य के उत्पाद पर पिछले साल जून में जीएसटी दर कम कर 5 प्रतिशत कर दिया था.

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वहीं इससे अधिक मूल्य के जूते-चप्पल पर जीएसटी 18 प्रतिशत है. हालांकि इस क्षेत्र में उपयोग होने वाले कच्चे माल पर जीएसटी दर 5 से 18 प्रतिशत है. वहीं परिधान क्षेत्र पर जीएसटी 5,12 और 18 प्रतिशत है. इससे निर्यातकों द्वारा रिफंड के दावे और उसे जारी करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. रसायन उर्वरक पर जीएसटी दर फिलहाल 5 प्रतिशत है जबकि कच्चे माल पर 12 प्रतिशत है.

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