केंद्र सरकार ने एयर इंडिया (Air India) को लेकर इरादा साफ कर दिया है. सरकार एयर इंडिया का विनिवेश करने जा रही है. सरकार ने एयर इंडिया को किसी भारतीय कंपनी के हाथ में सौंपने का इरादा भी जताया है.
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नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया को रोजाना 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है. एयर इंडिया की बिक्री के लिए यह बिल्कुल सही समय है.
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कोशिश रहेगी भारतीय हाथ में रहे एयर इंडिया
हरदीप सिंह पुरी ने पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सदन में कहा कि पिछली बार विनिवेश में हमें सफलता नहीं मिल पाई. पिछली बार की कमियों को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया है. इस बार हमें विनिवेश में सफलता मिलने का विश्वास है. पुरी ने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह भारतीय हाथों में रहे.
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पुरी ने कहा कि वो एयर इंडिया से सरकार के पूरी तरह से निकलने के पक्ष में हैं. हालांकि उनका कहना है कि एयर इंडिया की पूरी हिस्सेदारी की बिक्री को लेकर अंतिम फैसला मंत्रियों का समूह करेगा, लेकिन अगर व्यक्तिगत रूप से पूछा जाए तो वो एयर इंडिया की पूरी हिस्सेदारी बेचने का समर्थन करेंगे.
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17 फीसदी बढ़ा एविएशन सेक्टर
पुरी का कहना था कि जेट एयरवेज की उड़ान बंद होने के बावजूद देश का घरेलू बाजार बढ़ा है. आज रोज 580 जहाज उड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि देश का उड्डयन क्षेत्र (एविएशन सेक्टर) अप्रैल महीने को छोड़कर 17 फीसदी की दर से बढ़ा है.