Advertisment

HDFC की नई योजना, स्टार्टअप में सालाना निवेश करेगी 100 करोड़ रुपये

कई कंपनियों और देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने स्टार्टअप में निवेश को लेकर आंतरिक रूप से एक कोष बनाया है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
HDFC की नई योजना, स्टार्टअप में सालाना निवेश करेगी 100 करोड़ रुपये

दीपक पारेख (Deepak Parekh)( Photo Credit : फाइल फोटो)

एचडीएफसी (HDFC) के चेयरमैन दीपक पारेख (Deepak Parekh) ने मंगलवार को कहा कि आवास ऋण देने वाली कंपनी प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में हर साल 100 करोड़ रुपये तक निवेश करने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि एचडीएफसी एक अलग टीम बनाएगी जो निवेश करने को लेकर स्टार्टअप परिवेश को समझती है. यह घोषणा ऐसे समय की गयी है जब नवप्रवर्तन और रोजगार के अवसर सृजित करने को लेकर स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिये नीति मोर्चे पर काफी जोर है. कई कंपनियों और देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने स्टार्टअप में निवेश को लेकर आंतरिक रूप से एक कोष बनाया है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: Budget 2020: महंगे हो सकते हैं ये जरूरी सामान, इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का हो सकता है ऐलान

प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भविष्य के विचारों में निवेश करने की जरूरत: दीपक पारेख

पारेख ने सालाना सम्मेलन टीकोन (Annual Tiecon Event) में कहा कि निदेशक मंडल की पिछली बैठक मैंने स्टार्टअप में हर साल 100 करोड़ रुपये निवेश का विचार रखा था. एचडीएफसी (HDFC) चेयरमैन ने कहा कि पूर्ण रूप से बैंक शुरू करने के समान निदेशक मंडल शुरू में स्टार्टअप में निवेश को लेकर इच्छुक नहीं था लेकिन उनका मानना है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भविष्य के विचारों में निवेश करने की जरूरत है. कंपनी मुख्यालय में एक टीम बना रही है जो निवेश का जिम्मा संभालेगी. उन्होंने भरोसा जताया कि यह दो महीनों में काम करना शुरू कर देगा. पारेख ने युवाओं से मौजूदा आर्थिक नरमी से प्रभावित नहीं होने को कहा और भरोसा जताया कि यह संकट जल्दी खत्म होगा.

यह भी पढ़ें: Budget 2020: छोटे निवेशकों के बॉन्ड मार्केट में निवेश करने के लिए हो सकती है बड़ी घोषणा

Advertisment

उन्होंने युवा उद्यमियों से कहा कि मौजूदा कठिनाइयों से निराश होने की जरूरत नहीं है। संकट समाप्त होगा. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का महत्वपूर्ण इंजन है. एचडीएफसी शुरू करने के दौरान पुराने दिनों को याद करते हुए पारेख ने कहा कि उन्होंने निदेशक मंडल के समक्ष मुख्य धारा के बैंक में कदम रखने पर जोर दिया, क्योंकि आवास ऋण से हटकर एचडीएफसी को विविध रूप देने की जरूरत थी. पारेख ने कहा कि ईमानदारी, सचाई और जवाबदेही प्रमुख तत्व हैं जो किसी संस्थान को सफल बनाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी चीज को शुरू करने में कभी कोई देरी नहीं होती.

यह भी पढ़ें: Budget 2020: बजट से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को उम्मीदें, मंदी से निपटने के लिए सरकार से मदद की गुहार

एचडीएफसी को भी एच टी पारेख ने तब शुरू किया था जब वह 65 साल के थे. पारेख ने कहा कि नये संस्थान को शुरू में करने कई समस्याएं हुई. इसमें प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम, एलआई से कर्ज जुटाने में समस्या शामिल हैं. उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद एचडीएफसी ने कारोबार के लिये अनूठा मॉडल अपनाया. उन्होंने पुरानी बात याद करते हुए कहा कि इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने वित्तीय राजधानी में पहले मकान के लिये 70,000 रुपये का कर्ज उनकी कंपनी से लिया और उन्हें यह ऋण केवल नियुक्ति पत्र के आधार पर दिया गया.

Advertisment

Investment HDFC Annual Tiecon Event Deepak Parekh Tech Startups
Advertisment
Advertisment