केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अगले वित्त वर्ष में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लॉन्च कर सकती है. डिजिटल करेंसी के आने के बाद RBI को करेंसी नोट (Currency Note) के परिचालन लागत में काफी बचत हो सकती है. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक को करेंसी नोटों की प्रिंटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरज के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ जाते हैं. ऐसे में डिजिटल करेंसी आने की वजह से रिजर्व बैंक को परिचालन लागत में काफी बचत करने में मदद मिलेगी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को पेश हुए आम बजट के दौरान अपने भाषण में ऐलान किया था कि RBI डिजिटल रुपया (Digital Rupee) पेश करेगी.
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डिजिटल करेंसी में हो सकता है यूनीक नंबर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नगदी का एक हिस्सा ऑनलाइन लीगल टेंडर के साथ बदलने की उम्मीद लगाई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक RBI के द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी में भारतीय करेंसी की ही तरह यूनीक नंबर हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 100 रुपये के प्रत्येक नोट पर चार साल की लाइफ साइकिल में 15 रुपये से 17 रुपये का खर्च आता है और इसकी लाइफ साइकिल में छपाई और कमर्शियल बैंकों के जरिए पुराने नोटों को रिजर्व बैंक के पास वापस करना शामिल है.
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बता दें कि सरकार की ओर से ज्यादा वैल्यू वाले नोटों का चलन कम किया जा रहा है और इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा नोटों की छपाई की जा रही है. डिजिटल करेंसी के आने के बाद रिजर्व बैंक को काफी बचत हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों के पास डिजिटल करेंसी उनके स्मार्टफोन में रहेगी और यह केंद्रीय बैंक के पास होगी. डिजिटल करेंसी को किसी दुकानदार आदि को ट्रांसफर किया जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- 100 रुपये के प्रत्येक नोट पर 4 साल की लाइफ साइकिल में 15 रुपये से 17 रुपये का खर्च आता है
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी पेश बजट के दौरान डिजिटल करेंसी का ऐलान किया था