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आपको रातोंरात करोड़पति बना सकता है Commodity Market, बस जाननी होंगी ये बारीकियां

इन दिनों लोगों में शेयर मार्केट का बड़ा क्रेज है. क्योंकि यह कम समय में ही अच्छा खासा रिटर्न भी उपलब्ध कराता है, लेकिन स्टॉक मार्केट के अपने कुछ प्लस-माइनस भी हैं. जहां लोगों के मन में अच्छे-अच्छे शेयर खरीदकर लाखों करोड़ों कमाने की ललक रहती है

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Mohit Sharma
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Commodity Market

Commodity Market ( Photo Credit : News Nation)

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इन दिनों लोगों में शेयर मार्केट का बड़ा क्रेज है. क्योंकि यह कम समय में ही अच्छा खासा रिटर्न भी उपलब्ध कराता है, लेकिन स्टॉक मार्केट के अपने कुछ प्लस-माइनस भी हैं. जहां लोगों के मन में अच्छे-अच्छे शेयर खरीदकर लाखों करोड़ों कमाने की ललक रहती है, वहीं सेनसेक्स में गिरावट के साथ बड़ी रकम गंवाने का डर भी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मार्केट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने पहले सुना तो खूब होगा लेकिन यह कैसे काम करता है और आप इसमे निवेश कर कैसे अच्छा खासा रिटर्न हासिल कर सकते हैं और वो भी कम जोखिम के साथ.

क्या है कमोडिटी मार्केट 

हम यहां बात कर रहे हैं कमोडिटी मार्केट की. हम पहले समझते हैं कि आखिर कमोडिटी मार्केट होता क्या है.  दरअसल, ईश्वर या प्रकृति द्वारा बनाई गई चीजों को कमोडिटी कहा जाता है. जैसे खेतों में उगने वाली खाने-पीने की चीजें या धरती से निकलने वाली धातुएं आदि. कमोडिटी मार्केट में पूरे देश के लोग ट्रेडिंग करते हैं. भारत की बात करें तो हमारे देश में को प्रकार की ट्रेडिंग की जाती है. एक एग्री कमोडिटी और दूसरी नॉन एग्री-कमोडिटी. 

एग्री-कमोडिटी- एग्री कमोडिटी में खेतों में उगने वाली चीजें आती हैं.
नॉन एग्री-कमोडिटी- इसमें बेशकीमती धातु जैसे सोना, चांदी, निकिल, एल्युमिनियम, जिंक व कॉपर के अलावा क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस आदि को शामिल किया जाता है. 

कमोडिटी मार्केट में ट्रेड करने के लिए दो तरह के एक्सचेंज उपलब्ध हैं.
1. एमसीएक्स यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज 
2.एनसीडीईएक्स यानी नेशनल कमोडिटी डेरिवाटिव एक्सचेंज

अब बात करें एमसीएक्स की तो एमसीएक्स में ज्यादातर सोना, चांदी, तांबा, कच्चा तेल आदि की सबसे ज्यादा ट्रेडिंग होती है.
एनसीडीईएक्स में अधिकांश एग्री-कमोडिटी की ट्रेडिंग की जाती है.

ट्रेड करने के लिए केवल ट्रेडिंग अकाउंट की जरूत

कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए हमें सबसे पहले एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है, जो किसी भी ब्रोकर के पार ओपन कराया जा सकता है. इसके लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी नहीं है. इसको उदाहरण के तौर पर देखें तो अगर हमें सोना खरीदना है तो या तो हम किसी ज्वैलर के पार जाएंगे या फिर कमोडिटी मार्केट में. इसको ऑनलाइन ट्रेडिंग भी कहा जा सकता है. यहां आपको बता दें कि नॉन एग्री-कमोडिटी मार्केट में 88 प्रतिशत और एग्री कमोडिटी में 12 प्रतिशत ट्रेडिंग ही होती है. 

लोट में होती है ट्रेडिंग

शेयर मार्केट की तरह कमोडिटी मार्केट में भी ट्रेडिंग लोट में ही होती है. उदाहरण के तौर पर क्रूड ऑयल का 100 बैरल का एक लोट होता है या एक किलो सोने का एक लोट होता है. अब आप सोच रहे होंगे कि 50 लाख के एक किलो गोल्ड पर कौन भला ट्रेडिंग शुरू करेगा. ऐसा नहीं है, इसके लिए आपको मार्जिन मिल जाता है. 

अब आप सोच रहे होंगे कि ये मार्जिक क्या है. उदाहरण के लिए मान लो कि आपको एक लाख रुपये पर ट्रेड करना है तो आपका ब्रोकर आपको मार्जिन दे देता है. इसका मतलह है कि आपको एक लाख के प्रोफिट पर ट्रेड तो करना है लेकिन आप मार्जिन के साथ 20 हजार रुपये से भी ट्रेड कर सकते हैं.  इसके साथ ही कमोडिटी मार्केट में आप सुबह 9 बजे से रात 11.30 बजे तक ट्रेडिंग कर सकते हो, जबकि शेयर मार्केट केवल सुबह सवा नौ बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक ही खुलता है.

Source : Mohit Sharma

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