द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने यूनिक डाक्यूमेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर (UDIN) को लॉन्च कर दिया है. स्व-प्रशासन की उच्च समझ को आगे बढ़ाने और कंपनी सचिवों के पेशे को मजबूत करने के लिए ICSI ने विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या या यूडीआईएन के रूप में एक अनूठी पहल शुरू की है.
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प्रमाणपत्रों के जालसाजी पर लगेगी लगाम
सुशासन के ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से UDIN निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक होगा. यूनिक डाक्यूमेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर (UDIN) के जरिए पंजीकरण और प्रमाणन सेवाओं के रजिस्टर को बनाए रखने में आसानी होगी. इसके जरिए विभिन्न सत्यापन और प्रमाणपत्रों के जालसाजी को भी रोका जा सकेगा. कई प्रमाण पत्र और सत्यापन की संख्या पर रोक लगेगी. UDIN के जरिए स्टेकहोल्डर्स और नियामक कंपनी सचिवों द्वारा हस्ताक्षरित या सत्यापित दस्तावेज की वैधता परखने के लिए संक्षम होंगे.
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UDIN की उपयोगिता पर जोर देते हुए ICSI के प्रेसिडेंट रंजीत पांडे ने कहा है कि इस व्यवस्था के तहत कंपनी सचिवों द्वारा सत्यापित हर दस्तावेज की पहचान के लिए एक अल्फा न्यूमेरिक नंबर जेनरेट किया जाएगा. इस सुविधा के शुरू होने से निश्चिततौर पर विश्वास भी बढ़ेगा.
साथ ही कंपनी सचिवों द्वारा प्रमाणित दस्तावेजों की वैधता को लेकर विश्वास बढ़ेगा. 1 अक्टूबर 2019 से कंपनी सचिव द्वारा ई-फॉर्म को छोड़कर हस्ताक्षरित या प्रमाणित हर दस्तावेज के लिए ICSI UDIN अनिवार्य होगा.