अगर अमेरिका चीनी कंपनियों को खो देता है, तो वॉल स्ट्रीट धीरे-धीरे दुनिया का सबसे समृद्ध बाजार नहीं रहेगा और अमेरिका तब सही मायनों में वैश्विक वित्तीय केंद्र नहीं होगा. चीन की सरकारी मीडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है. चीन की दिग्गज राइड हेलिंग कंपनी दीदी चक्सिंग ने घोषणा की थी कि कंपनी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) से डी-लिस्टिंग (अपने शेयर वापस लेना) का काम शुरू कर रही है और हांगकांग में लिस्टिंग की तैयारी शुरू कर रही है. दीदी के बयान से एक दिन पहले यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें अमेरिका में सूचीबद्ध विदेशी कंपनियों को निरीक्षण के लिए ऑडिट प्रदान करने की आवश्यकता है. अन्यथा उन्हें तीन साल में एनवाईएसई और नैस्डैक से हटाया जा सकता है.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 'नया एसईसी विनियमन स्पष्ट रूप से अमेरिका में सूचीबद्ध चीनी कंपनियों को लक्षित करता है. विश्लेषकों का मानना है कि इससे 200 से अधिक कंपनियां अमेरिकी एक्सचेंजों से बाहर हो सकती हैं.' दीदी पहली चीनी कंपनी है, जिसने एसईसी द्वारा अपना नया विनियमन जारी करने के बाद घोषणा की है कि वह एनवाईएसई से असूचीबद्ध हो जाएगी. कंपनी को जून में चीनी नियामक प्राधिकरणों की मंजूरी के बिना अमेरिका में सूचीबद्ध किया गया था, जिससे यह चिंता बढ़ गई कि चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हुए करोड़ों चीनी यूजर्स की जानकारी लीक हो जाएगी. कंपनी से जुड़े 20 से अधिक एप बाद में मोबाइल स्टोर से हटा दिए गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि एसईसी के नए नियमन ने दीदी के लिए अमेरिका में वित्तपोषण की जगह को दूसरी दिशा से संकुचित कर दिया है.
अमेरिका में पहले से ही आवाजें उठ रही हैं कि ज्यादातर चाइना कॉन्सेप्ट स्टॉक (चीन अवधारणा स्टॉक) को अमेरिका से हटा दिया जाए. 'चाइना कॉन्सेप्ट स्टॉक्स' की स्क्रूटनी के सख्त होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका इस तरह की जांच के लिए 'वित्तीय सुरक्षा' और 'राष्ट्रीय सुरक्षा' जैसे विभिन्न बहाने बनाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में चीनी डिजिटल प्रौद्योगिकी और एप्लिकेशन कंपनियों के लिए अमेरिका में सूचीबद्ध होना और कठिन हो जाएगा. इससे दोनों पक्षों को नुकसान होगा, लेकिन प्रवृत्ति दर्शाती है कि चीन ने नई परिस्थितियों को समायोजित करने और उनके अनुकूल होने के लिए अधिक पहल की है.
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीनी कंपनियों के पास अन्य विकल्प हैं और अगर वे चीन वापस जाते हैं, तो वे मैनलैंड (मुख्य भूमि चीन) और हांगकांग के पूंजी बाजारों के आकर्षण को बढ़ाएंगे, जिससे वैश्विक वित्तीय परिदृश्य को धीरे-धीरे बदलने की संभावना पैदा होगी.