Income Tax Saving Tips: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख नजदीक आते ही टैक्स पेयर्स की दिल की धड़कनें बढ़ने लगती हैं. क्योंकि ओल्ड टैक्स सिस्टम के स्थान पर न्यू टैक्स पॉलिसी को अपनाने वाले लोगों के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं होंगे. ऐसे में यह भी एक बड़ा कारण है कि नई टैक्स व्यवस्था में इंटरेस्ट रेट थोड़ा कम है. इसके विपरीत जो लोग ओल्ड टैक्स सिस्टम से जुड़े हैं, उनके पास टैक्स कम कराने के थोड़े विकल्प होंगे. लेकिन आज हम जो आपको बताने जा रहे हैं वो बिना किसी इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस के ही आपकी टैक्स बचाने में मददगार साबित होगा.
यह खबर भी बढ़ें- Excise Policy Case: तिहाड़ में होली पर इन चार चीजों के साथ रहेंगे मनीष सिसोदिया
हर वेतनभोगी को मिल सकता है स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 16 के तहत हर वेतनभोगी को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिल सकता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसको क्लेम करने के लिए कोई डॉक्यूमेंट भी सबमिट नहीं करना पड़ता. किसी भी पेंशनभोगी को स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिल सकता है. इसके लिए न तो आपको इंश्योरेंस खरीदने की जरूरत है और न ही किसी तरह का कोई इनवेस्टमेंट दस्तावेज दिखाने की. आपको बता दें कि सरकार मुद्रास्फीति का ख्याल रखते हुए टाइम-टाइम पर स्टैंडर्ड डिडक्शन में चेंज भी करती रहती है.
यह खबर भी पढ़ें- Amitabh Bachchan Injured: Project K और कुली हादसे के बीच है एक खास कनेक्शन!
टैक्सपेयर ले सकते हैं 50 हजार रुपए तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन
मतलब साफ है कि फिलहाल टैक्सपेयर 50 हजार रुपए तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन ले सकते हैं. इसका सबसे बड़ा लाभ तो उन लोगों को मिलने वाला है, जो केवल 50 हजार रुपए के कारण से ही टैक्सेबल स्लैब में आते हैं. स्टैंडर्ड डिडक्शन की वजह से आपकी इनकम 50 हजार रुपए तक घट जाती है.