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भारत-चीन के बीच सीमा विवाद से फिलहाल व्यापार संबंधों पर असर पड़ने की संभावना नहीं: विशेषज्ञ

India-China Border Conflicts: भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस के सर्राफ ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि सीमा पर दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को लेकर द्विपक्षीय व्यापार रिश्तों पर फिलहाल असर पड़ेगा.

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Dhirendra Kumar
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India-China Border Conflicts

India-China Border Conflicts( Photo Credit : फाइल फोटो)

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India-China Border Conflicts: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद का फिलहाल द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा. विशेषज्ञों ने यह कहा है. हालांकि विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अगर स्थिति आगे और बिगड़ती है, तब इसका असर द्विपक्षीय व्यापार रिश्तों (India-China Trade) पर पड़ सकता है. भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस के सर्राफ ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि सीमा पर दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को लेकर द्विपक्षीय व्यापार रिश्तों पर फिलहाल असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की कंपनियों के लिये एक-दूसरे के बाजारों में व्यापक मौके हैं.

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भारतीय निर्यातकों के लिये चीन बड़ा बाजार: हैंड टूल्स एसोसिएशन
लुधियाना के हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र रलहान ने कहा कि भारतीय निर्यातकों के लिये चीन बड़ा बाजार है और बढ़ते व्यापार घाटा को कम करने के लिये पड़ोसी देश को निर्यात बढ़ाने के उपायों पर गौर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि चीन से आयात पर किसी भी तरह की पाबंदी हमारे निर्यात को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अगर तनाव बढ़ता है तो निश्चित रूप से इसका द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर असर पड़ेगा. कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने भी कहा कि अगरे दोनों देश जल्दी ही मसले का समाधान नहीं कर पाये, तब व्यापार पर असर पड़ सकता हैं.

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चीन पर हमारी निर्भरता काफी ज्यादा: प्रोफेसर विश्वजीत धर
उन्होंने कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है, तब समस्या होगी. हम बड़ी मात्रा में उन्हें परिधान निर्यात नहीं करते लेकिन हम चीन से काफी कपड़ा आयात करते हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्विविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा कि चीन पर किसी प्रकार की व्यापार पाबंदी का असर भारत पर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि चीन पर हमारी निर्भरता काफी ज्यादा है. दवाओं में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण रसायन (एपीआई) जैसे कई महत्वपूर्ण उत्पादों के लिये हम चीन पर निर्भर हैं. हमारे पास उन महत्वपूर्ण उत्पादों के लिये कोई विकल्प या बाजार नहीं है और स्थिति एक दिन में नहीं बदलेगी. धर ने कहा कि शुल्क बढ़ोतरी या आयात शुल्क से केवल घरेलू उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा.

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वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल-फरवरी के दौरान भारत ने चीन को 15.54 अरब डॉलर का निर्यात किया
उन्होंने कहा कि अब एक ही समाधान बचा है कि हम महत्वपूर्ण क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को मजबूत करे. सेना ने मंगलवार को कहा कि लद्दाख में सोमवार की रात चीन के साथ झड़प में सेना के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गये. पांच दशक में पहली बार दोनों देशों की सेना के बीच इस प्रकार की झड़प हुई है. इस गतिरोध के बाद देश के कुछ भागों में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मांग तेज हुई है. खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट जैसे कुछ उद्योग संगठनों ने सीमा विवाद को देखते हुए चीनी सामान के बहिष्कार का आह्वान किया है. वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल-फरवरी के दौरान भारत का निर्यात चीन को 15.54 अरब डॉलर का रहा जबकि आयात 62.38 अरब डॉलर का था.

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