Oil Refinery : मंगोलिया (Mongolia) में भारत पहली तेल रिफाइनरी का निर्माण करेगा. इस क्षेत्र में हुए करार के अनुसार, MEIL इस नई रिफाइनरी का निर्माण मंगोलिया में करेगी. उन्नत भारतीय प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए 790 मिलियन अमरीकी डालर की लागत से EPC-2 (ओपन आर्ट यूनिट्स, यूटिलिटीज एंड ऑफसाइट, प्लांट बिल्डिंग) और EPC-3 (कैप्टिव पावर प्लांट) का निर्माण करेगी. यह परियोजना भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) की विकास भागीदारी प्रशासन का हिस्सा है. इसे भारत सरकार के लाइन ऑफ क्रेडिट का उपयोग करके बनाया जाएगा.
इस G2G भागीदारी परियोजना के लिए इंजीनियर्स इंडिया (EIL) प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (PMC) है. आने वाले सालों में यह रिफाइनरी आसपास के छोटे उद्योगों के विकास और मंगोलिया के आर्थिक विकास लाएगी और साथ ही साथ मंगोलिया में रोजगार के कई अवसर खोलेगी.
MEIL के प्रवक्ता के अनुसार, "यह डाउनस्ट्रीम परियोजना काफी महत्वपूर्ण है. भारत और मंगोलिया के बीच संबंधों और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में MEIL की विस्तार रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है. इसके अलावा परियोजना मंगोलिया में आर्थिक समृद्धि और ऊर्जा स्वतंत्रता लाएगी."
जानें क्या मंगोल रिफाइनरी परियोजना
रूस से तेल आयात पर मंगोलिया की निर्भरता को कम करने के लिए और देश की पहली ग्रीनफील्ड तेल रिफाइनरी मंगोल रिफाइनरी का निर्माण कर रहा है. इस परियोजना के तहत रिफाइनरी में पैपलाइन और बिजली संयंत्र का निर्माण करेगी. एक बार इस परियोजना का निर्माण पूरा होने के बाद यह रिफाइनरी प्रति दिन 30,000 बैरल या सालाना 1.5 मिलियन टन कच्चे तेल को संसाधित करने में सक्षम होगी. इससे मंगोलिया की रूसी ईंधन पर निर्भरता कम होगी और देश को मिलने में मदद मिलेगी. पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की इसकी जरूरत है.
Source : Madhurendra Kumar