रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच अमेरिका अपने प्रतिबंध रूपी दांव-पेंच का इस्तेमाल भी कर रहा है. अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. इसके साथ ही ब्रिटेन समेत अमेरिका भारत और कई देशों से भी अपील कर रहा है कि वे अमेरिकी प्रतिबंधों का समर्थन करें. इसके उलट अब ऐसी रिपोर्ट सामने आई है कि भारत रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदने की योजना बना रहा है. अब भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस संभावना से इंकार नहीं किया है. विदेश मंत्रालय की ओर से यह प्रतिक्रिया व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस से रियायती दरों पर भारत द्वारा कच्चा तेल खरीदने से प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं होगा.
भारत तेल आयातक होने से संभावनाओं पर करेगा विचार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत बड़ा तेल आयातक होने की वजह से हमेशा सभी संभावनाओं पर विचार करता है. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत रूस द्वारा सस्ते में कच्चे तेल देने की पेशकश पर विचार कर रहा है, बागची ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, 'भारत अपनी जरूरत का अधिकतर तेल आयात करता है, उसकी जरूरतें आयात से पूरी होती हैं. इसलिए हम वैश्विक बाजार में सभी संभावनाओं का दोहन करते रहते हैं, क्योंकि इस परिस्थिति में हमें अपने तेल की जरूरतों के लिए आयात का सामना कर पड़ रहा है.' बागची ने कहा कि रूस, भारत को तेल की आपूर्ति करने वाला प्रमुख आपूर्तिकर्ता नहीं रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं रेखांकित करना चाहता हूं कि कई देश भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति कर रहे हैं. हम प्रमुख तेल आयातक हैं और हम इस मौके पर अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.' बागची से जब पूछा गया कि यह खरीददारी रुपये-रूबल समझौते के आधार पर हो सकता है तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस पेशकश की विस्तृत जानकारी नहीं है.
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अमेरिकी प्रतिबंधों पर इंतजार करो की नीति
रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के भारत-रूस कारोबार पर पड़ने वाले असर के अन्य सवाल के जवाब में बागची ने कहा कि भारत इंतजार करेगा. उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी एकतरफा प्रतिबंध का उसका हमारे रूस के साथ आर्थिक लेनदेन पर पड़ने वाले असर के आंकलन का इंतजार करेंगे.’ यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई के संबंध में भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि भारत सभी पक्षों के संपर्क में है. गौरतलब है कि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने भी कहा था कि भारत अगर रूस से सस्ते दाम में कच्चे तेल की खरीद करता है तो यह अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने नसीहत दी थी कि रूस का समर्थन एक हमले का समर्थन है. ऐसे में यह आपको (भारत को) तय करना है कि आप इतिहास में किस पक्ष में लिखे जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा था तेल खरीद से प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं
- इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा तेल आयातक होने से संभावनाओं पर करेंगे विचार