डॉलर के मुकाबले रूपया सोमवार को 69.47 रिकॉर्ड के निचले स्तर पर खुला। हालांकि शुक्रवार को यह 15 पैसे की गिरावट के साथ 68.83 पर बंद हुआ था। तुर्की की मुद्रा 'लीरा' में सोमवार को 11 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, जिससे दुनियाभर के बाजारों में खलबली मच गई। सीएनएन के मुताबिक, तुर्की की मुद्रा लीरा में एशिया में सुबह के कारोबार में डॉलर के मुकाबले 11 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
लीरा में बीते सप्ताह 20 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई थी। सोमवार को टोक्यो, हांगकांग और शंघाई के शेयर बाजारों में 1.5 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज हुई।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन ने इस संकट से निबटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं को खारिज किया और अमेरिका को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, 'हम घुटने नहीं टेकेंगे। अगर आप डॉलर के साथ हमारे पास आओगे तो हम कारोबार करने का दूसरा तरीका खोज निकालेंगे।'
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नया साल शुरू होने के बाद से लीरा में डॉलर के मुकाबले लगभग 45 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।
एशियाई मुद्राओं में रुपया सबसे कमजोर:
लीरा में कमजोरी का असर ज्यादातर एशियाई देशों की मुद्राओं पर देखा गया। जापानी येन को छोड़ बाकी देशों की करंसी में गिरावट दर्ज की गई। भारतीय रुपया सबसे ज्यादा 1.06% टूटा। इस साल रुपए में 8% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
अमेरिका-तुर्की के बीच तनाव से करंसी पर असर:
तुर्की के आर्थिक संकट से गुजरने के बावजूद भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को तुर्की से स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर शुल्क दोगुना करने की घोषणा की। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, 'हमारे मजबूत डॉलर की तुलना में तुर्की की करेंसी कमज़ोर है। तुर्की के साथ हमारे संबंध ठीक नहीं।' इस बयान के बाद लीरा में तेज गिरावट आई।
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अमेरिका-तुर्की में विवाद की वजह:
अमेरिका के पादरी एंड्रयू ब्रनसन को तुर्की ने अक्टूबर 2016 में गिरफ्तार किया था। उन्हें रिहा नहीं करने पर अमेरिका ने आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। तुर्की की अर्थव्यवस्था की हालत लगातार बिगड़ रही है। उसकी मुद्रा लीरा इस साल डॉलर के मुकाबले 40% कमजोर हो चुकी है।
इनपुट-आईएएनएस
Source : News Nation Bureau