अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (FED) की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद विदेशी फंडों (Foreign Fund) की ओर से सोमवार को भारतीय बाजारों में की गई बिकवाली की वजह से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले 77.58 के निचले स्तर पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा बाजार में सोमवार को रुपया एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.50 पर बंद हुआ, जो शुक्रवार के 76.90 के मुकाबले 60 पैसे नीचे है. इससे पहले रुपया डॉलर के मुकाबले 77.17 पर तेजी के साथ खुला, लेकिन देखते ही देखते इंट्रा-डे में 77.58 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया.
FED ने की है 0.50 प्रतिशत ब्याज दर में बढ़ोतरी
फेडरल रिजर्व की ओर से पिछले हफ्ते नीतिगत ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद अमेरिकी डॉलर प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले में मजबूत हुई है. पिछले दो कारोबारी सत्रों में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 रुपए 15 पैसे कमजोर हुआ है. डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को भी 55 पैसे टूटा था.
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अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने से इसलिए टूट जाता है भारतीय रुपया
गौरतलब है कि विदेशों में ज्यादा ब्याज होने और देश में कम ब्याज दर होने की वजह से देश से विदेशी निवेश अपना धन निकाल कर विदेशों की ओर ले जाते हैं. लिहाजा, ऐसे में डॉलर की मांग बढ़ जाती है और जिस देश में निवेश किया गया होता है वहां की मुद्रा की सप्लाई बढ़ने से उसकी कीमत कम हो जाती है. यही वजह है विदेशी निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देकर उनका पैसा देश में रोके रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने भी ब्याज दरों में वृद्धि करते हुए रेपो रेट 0.40 प्रतिशत का इजाफा पिछले दिनों किया था.
HIGHLIGHTS
- दो दिन में एक रुपए 15 पैसे कमजोर हुआ रुपया
- एक दिन पहले भी 55 पहले कमजोर हुआ था रुपया
- विदेशी निवेशकों के निकासी से कमजोर हुआ रुपया