प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारतीय कंपनियों (Indian Companies) से जरूरी वस्तुओं का उत्पादन बनाये रखने की अपील की. उन्होंने साथ ही उद्योग जगत (Industry) से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन आवश्यक जिंसों की जमाखोरी और काला बाजारी नहीं हो. मोदी (PM Modi) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों के बीच यह अपील की है. यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार उद्योगपतियों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने उन्हें अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की छूट देने को कहा.
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आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए काम कर रही है मोदी सरकार
मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को महसूस किया जाएगा. उन्होंने उद्योगपतियों से मानवीय रुख अपनाने और कोविड 19 के नकारात्मक प्रभाव के बावजूद कार्यबल में कटौती नहीं करने को कहा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश में आर्थिक वृद्धि (GDP Growth) को गति देने के लिये काम कर रही है, लेकिन कोविड19 के रूप में अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के समक्ष अप्रत्याशित संकट आ गया है. विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण जो चुनौती आयी है, वह विश्व युद्ध से भी बड़ी है और हमें इसके फैलने से रोकने के लिये निरंतर सतर्क रहने की जरूरत है. वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये बातचीत में एसोचैम, फिक्की, सीआईआई और देश भर के 18 शहरों के स्थनीय उद्योग मंडलों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
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मोदी ने उद्योग से अपने कर्मचारियों को जहां भी संभव हो, प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये घरों से काम करने की अनुमति देने को कहा. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का आधार भरोसा है. मोदी ने कहा कि भरोसा एक अनूठा मानदंड है. कठिन और चुनौतीपूर्ण समय में इसे अर्जित किया जाता या हम इसे गंवा दिया जाता है. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में भरोसे का मानदंड इस समय कठिन मोड़ पर है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पर्यटन, निर्माण, होटल जैसे कई क्षेत्रों के साथ असंगठित क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. इसका अर्थव्यवस्था पर असर आने वाले समय में महसूस किया जाएगा. इस बीच, उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि सरकार को इस समय राजकोषीय घाटे की चिंता नहीं करनी चाहिए. उसने इसमें 2 प्रतिशत वृद्धि की वकालत करते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था में 4 लाख करोड़ रुपये की नकदी आएगी.
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चालू वित्त वर्ष में जीडीपी का 3.8 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य
सरकार ने राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में जीडीपी का 3.8 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य रखा है. सीआईआई (CII) ने कहा कि उसकी सदस्य कंपनियां वजीवनरक्षक उपकरण (वेंटिलेर), जरूरी दवाएं, चिकित्सा सेवाएं सैनेटाइजर जैसे जरूरी जिंसों का उत्पादन बढ़ाने के लिये अपने संयंत्रों को पूरा उपयोग करेंगी. इनका उत्पादन बिना लाभ के आधार पर किया जाएगा.