नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) ने 1981 में पत्नी सुधा और 6 दोस्तों के साथ मिलकर इंफोसिस (Infosys) की शुरुआत की थी. बता दें कि कंपनी शुरू करने के लिए नारायण मूर्ति ने पत्नी सुधा से 10 हजार रुपये उधार लिए थे. शुरुआत में नारायण मूर्ति का घर कंपनी का हेडऑफिस बना था, लेकिन 1983 में हेडऑफिस बेंग्लुरू हो गया. कंपनी को खड़ी करने में पत्नी सुधा के अलावा नंदन नीलेकणि, एस गोपालकृष्णन, एसडी शिबुलाल, के दिनेश और अशोक अरोड़ा प्रमुख थे.
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कंपनी मौजूदा समय में बुलंदियों पर है, लेकिन हाल में आई एक खबर ने पूरे उद्योग जगत को हिलाकर रख दिया. इस खबर ने इंडस्ट्री को तो परेशान किया ही साथ ही इंफोसिस के निवेशकों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा.
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मंगलवार को कंपनी के शेयरों में आई भारी गिरावट
मंगलवार को शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. इंफोसिस के शेयरों में आई गिरावट को देखकर एक समय ऐसा लगा कि कहीं ये दूसरा सत्यम कंप्यूटर्स तो नहीं बनने जा रहा है. बता दें कि इंफोसिस में गड़बड़ी की खबर फैलते ही मंगलवार को BSE पर इंफोसिस का शेयर 15.94 फीसदी लुढ़ककर 645.35 रुपये और NSE पर 15.99 फीसदी टूटकर 645 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आ गया था.
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पिछले 6 साल में 1 दिन की सबसे बड़ी गिरावट
जानकारों का कहना है कि मंगलवार को पिछले 6 साल में कंपनी के शेयर में 1 दिन में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. मंगलवार को कंपनी का मार्केट कैप 3.28 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 2.83 लाख करोड़ रुपये हो गया है. गौरतलब है कि व्हिसलब्लोअर समूह का आरोप है कि सलिल पारेख और निलांजन रॉय ने गलत तरीके आय में बढ़ोतरी की कोशिश की है. इस शिकायत के बाद सोमवार को इस मामले को ऑडिट समिति को समक्ष रखा गया था. इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि के मुताबिक 20 सितंबर और 30 सितंबर को 2 अज्ञात शिकायतें मिली थीं.