शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट के साथ वित्त वर्ष 2019-20 में निवेशकों (Investors) को 37.59 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी. इस दौरान बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स (Sensex) करीब 24 प्रतिशत टूटा. तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2019-20 में 9,204.42 अंक यानी 23.80 प्रतिशत लुढ़क गया. वहीं एनएसई निफ्टी (Nifty) 3,026.15 अंक यानी 26.03 प्रतिशत टूटा. शेयर बाजार में बड़े स्तर पर बिकवाली से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण वित्त वर्ष के दौरान 37,59,954.42 करोड़ रुपये घटकर 1,13,48,756.59 करोड़ रुपये रह गया.
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24 मार्च को 1 साल के निचले स्तर पर पहुंचा सेंसेक्स
बाजार के लिए मार्च का महीना काफी खराब रहा है. माह के दौरान सेंसेक्स 8,828.8 अंक यानी 23 प्रतिशत नीचे आया. इसका कारण कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये दुनियाभर में ‘लॉकडाउन’ का होना है. इसके कारण वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ी है. बाजार में बिकवाली इतना जबर्दस्त था कि 24 मार्च को सेंसेक्स लुढ़क कर एक साल के न्यूनतम स्तर 25,638.9 अंक पर आ गया. केवल दो महीने पहले 20 जनवरी को यह 42,273.87 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर था. वित्त वर्ष 2018-19 में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 8,83,714.01 करोड़ रुपये बढ़कर 1,51,08,711.01 करोड़ रुपये पहुंच गया था.
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वित्त वर्ष 2019-20 में बाजार कई ऊंचाइयों को छुआ. बीएसई सेंसेक्स ऐतिहासिक 40,000 अंक को पार किया और एनएसई निफ्टी 12,000 के स्तर से ऊपर निकलने में सफल रहा. बड़ी कंपनियों के शेयरों की बिकवली से भी 2019-20 में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण नीचे आया. रिलायंस इंडसट्रीज (Reliance Industries) फिलहाल 7,05,211.81 करोड़ रुपये के साथ पहले पायदान पर है. उसके बाद टीसीएस 6,84,078.49 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है. पिछले साल नवंबर में रिलायंस 10 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण वाली पहली भारतीय कंपनी बनी.