चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा निर्मित देश की पहली इंजन-रहित ट्रेन 18 यानि वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) हर महीने करोड़ों की कमाई कर रही है. दरअसल, वंदे भारत एक्सप्रेस मौजूदा समय में हर महीने करीब 7 करोड़ रुपये की कमाई कर रही है.
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वहीं दूसरी ओर यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि ट्रेन 12 से 15 महीने में ही अपनी पूरी लागत भी निकाल लेगी. बता दें 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने स्वदेश निर्मित पहली हाई स्पीड ट्रेन 18 (वंदे भारत एक्सप्रेस) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
वंदे भारत एक्सप्रेस को बनाने में 100 करोड़ रुपये खर्च हुए थे
रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल के मुताबिक ट्रेन 18 (वंदे भारत एक्सप्रेस) को बनाने में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में यात्रा के लिए ज्यादातर सीटों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है. बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस हफ्ते में 5 दिन दिल्ली से वाराणसी के बीच चलती है.
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वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा करना थोड़ा महंगा है. दरअसल, यात्रियों को इस ट्रेन में किसी भी तरह की सब्सिडी नहीं मिलती है. अन्य ट्रेनों के मुकाबले वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया ज्यादा है. राजेश अग्रवाल कहते हैं कि मौजूदा समय में वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किलोमीटर की गति से नहीं चल पा रही है. उनका कहना है कि खराब ट्रैक और अन्य कारणों की वजह से स्पीड अभी कम है.
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क्या है किराया
वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा के लिए यात्रियों को AC चेयर के लिए 1,760 रुपये चुकाना होगा. वहीं एक्जिक्यूटिव क्लास के लिए 3,310 रुपये किराया देना होगा. वाराणसी से नई दिल्ली तक चेयर कार का किराया 1,700 रुपये है.
HIGHLIGHTS
- वंदे भारत एक्सप्रेस मौजूदा समय में हर महीने कर रही है करीब 7 करोड़ रुपये की कमाई
- अनुमान के मुताबिक वंदे भारत 12 से 15 महीने में अपनी पूरी लागत भी निकाल लेगी
- ट्रेन 18 (वंदे भारत एक्सप्रेस) को बनाने में खर्च हुए थे करीब 100 करोड़ रुपये