वीडियोकॉन द्वारा आईसीआईसीआई बैंक से लोन लेने के मामले में आयकर विभाग ने मंगलवार को न्यू पावर रिन्यूबल्स को नोटिस भेजा है। बता दें कि न्यू पावर रिन्यूबल्स के मालिक आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं।
एएनआई के मुताबिक़ दीपक कोचर को आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत नोटिस जारी किया गया है।
आयकर विभाग ने उनसे निजी वित्तीय जानकारियां, पिछले कुछ साल का आयकर रिटर्न और न्यू पावर रिन्यूबल्स के साथ के कारोबार लेनदेन मुहैया कराने को कहा है।
अधिकारियों के मुताबिक विभाग ने वीडियोकॉन कंपनी और इससे जुड़े लोगों के वित्तीय मामलों की जांच शुरू की है।
आईसीआईसीआई बैंक की सीएमडी और उनके पति दीपक कोचर वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपये के कर्ज देने के मामले को लेकर विवादों के घेरे में हैं।
इससे पहले 31 मार्च को सीबीआई ने भी कथित भ्रष्टाचार मामले में दीपक कोचर के ख़िलाफ़ जांच शुरू की थी।
बता दें कि अंग्रेज़ी अख़बार के हवाले से ख़बर आई थी कि आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर ने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में भ्रष्टाचार किया था।
क्या है मामला
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाया।
इसके बाद इस कंपनी को सुप्रीम एनर्जी की तरफ से 64 करोड़ रुपये का लोन मिला जो कि धूत की कंपनी थी। बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक महज 9 लाख रुपये में उस ट्रस्ट को सौंप दिया गया, जिसकी कमान दीपक कोचर के हाथों में थी।
रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे लेन-देन में चौंकाने वाला तथ्य यह है दीपक कोचर को कंपनी का ट्रांसफर वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिलने के छह महीने के बाद किया गया।
अभी तक इस लोन का करीब 86 फीसदी हिस्सा यानी 2,810 करोड़ रुपये चुकाया नहीं गया है और इस खाते को 2017 में एनपीए घोषित कर दिया गया।
वहीं बैंक बोर्ड इस पूरे मामले में चंदा कोचर के समर्थन में आ गया है।
बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'बोर्ड को बैंक के एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। सभी तथ्यों को देखने के बाद बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा है कि भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव सहित भ्रष्टाचार की जो अफवाहें चल रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।'
इसमें कहा गया है कि इस तरह की अफ़वाह आईसीआईसीआई की साख को ख़राब करने के लिए फैलाई जा रही है।
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Source : News Nation Bureau