जेट एयरवेज ने चालू वित्त वर्ष की 31 दिसंबर 2018 को खत्म हुई तिमाही में 587.7 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जबकि कंपनी ने एक साल पहले की समान तिमाही में 165.25 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था. कंपनी ने एक बयान में कहा, "चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आरएएसके (रेवेन्यू पर एवलेबल सीट किलोमीटर) में सुधार दर्ज किया गया, जिसकी वृद्धि दर 2.6 फीसदी रही.
बयान में कहा गया कि मौसमी मांग भी तेज रही और इसके कारण किराया भी तेज रहा. लेकिन कच्चे तेल की लागत (साल-दर-साल आधार पर 29 फीसदी की तेजी) बढ़ने के कारण और भारतीय रुपये के कमजोर होने के बाद विमानन कंपनी के कुल व्यापारिक प्रदर्शन प्रभावित हुआ.
समेकित आधार पर, विमानन कंपनी का घाटा वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में 732 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 186 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था.
कंपनी ने कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में उसने अपने नेटवर्क का पुनर्गठन किया है और क्षमता को अव्यवहार्य मार्गो से हटाकर मुनाफे वाले मार्गो में लगाया है.
Source : IANS