जेट एयरवेज के एक बीमार वरिष्ठ तकनीशियन ने अपनी इमारत की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली. तुलिंजी पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक डेनियल बेन ने कहा, "शैलेश सिंह कैंसर से पीड़ित थे और गहरी पीड़ा में थे. इस हफ्ते की शुरुआत में कीमो थेरेपी के बाद उन्हें एक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. उन्होंने शुक्रवार अपराह्न् अपनी जीवन लीला समाप्त की."
एक सवाल के जवाब में बेन ने कहा कि पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि जेट संकट के कारण सिंह का परिवार किसी तरह के वित्तीय संकट का सामना कर रहा है.
सिंह (45) के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे, और दो बेटियां हैं. उनका एक बेटा जेट के संचालन विभाग में कार्यरत है. पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का एक मामला दर्ज किया है, और जांच जारी है. जेट एयरवेज ने बुधवार को अपनी विमान सेवा परिचालन को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया. कंपनी की इस घोषणा के बाद कर्मचारियों की रही सही उम्मीद भी टूट गई. बता दें कि कंपनी के कर्मचारियों की जनवरी से मार्च तक की सैलरी बकाया है. ऐसी स्थिति पिछले साल अगस्त 2018 से शुरू हो गई थी. उस समय से ही पायलट्स और इंजीनियर्स को कई हिस्सों में सैलरी मिल रही थी. वहीं अब अस्थायी तौर पर विमान सेवा परिचालन बंद होने से हजारों कर्मचारियों के परिवार सड़क पर आने को मजबूर हो गए हैं.
गौरतलब है कि जेट के पायलटों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपनी नौकरियां बचाने की गुहार लगाई थी. वहीं स्टेट बैंक (SBI) से भी फंड जारी करने की अपील की गई थी. कंपनी के कई कर्मचारी 25 से 50 फीसदी कम सैलरी पर दूसरी एयरलाइंस ज्वॉइन करने को भी तैयार हैं. वहीं जेट संकट शुरू होने के साथ ही कई पायलट पहले ही नौकरी छोड़कर जा चुके हैं.
जेट एयरवेज के पायलटों के यूनियन नेशनल एविएटर गिल्ड (NAG) के प्रेसिडेंट करन चोपड़ा के मुताबिक हम आज जो भी देख रहे हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है. हमे आशा है कि कंपनी का परिचालन अस्थायी तौर पर बंद किया गया है और जब बोलियां आएंगी जैसा कि मुझे उम्मीद है. कंपनी का परिचालन फिर से शुरू हो जाएगा. नेशनल एविएटर गिल्ड पायलटों की सैलरी ना देने के लिए कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर चुका है. उन्होंने कहा कि हमें पिछले 3 महीने से सैलरी नहीं मिली है.
Source : IANS