एलईडी/एलसीडी टीवी (LED-LCD TV Price) के विनिर्माण में उपयोग होने वाले एक महत्वपूर्ण घटक पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क (Import Duty) गुरुवार यानि आज एक अक्टूबर 2020 से अमल में आ गया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बुधवार को जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी थी. सरकार ने पिछले साल ओपन सेल के आयात पर सीमा शुल्क से 30 सितंबर 2020 तक छूट दी थी. घरेलू उद्योग ने विनिर्माण क्षमता तैयार करने के लिये यह समय मांगा था.
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पिछले साल तक 7,000 करोड़ रुपये मूल्य के टीवी किए गए थे इंपोर्ट
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा कि एलईडी/एलसीडी टीवी पैनल के लिये ओपन सेल पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने का प्रावधान लागू किया है. पिछले साल तक 7,000 करोड़ रुपये मूल्य के टेलीविजन आयात किये गये थे. इस साल जुलाई अंत से टेलीविजन आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है. सरकार का यह कदम टेलीविजन और उसके कल-पुर्जों के चरणबद्ध विनिर्माण योजना को आगे बढ़ाने तथा सभी उपकरणों के लिये आयात पर निर्भरता में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण है. उसने कहा कि भारत में विनिर्माण हमेशा के लिये आयात के दम पर जारी नहीं रह सकता. पिछले साल तक 7,000 करोड़ रुपये मूल्य के टेलीविजन आयात किये गये थे.
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सरकार सीमा शुल्क ढांचे के जरिये टेलीविजन उद्योग की मदद कर रही है. दिसंबर 2017 से टेलीविजन के आयात पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया गया है. इतना ही नहीं इस साल जुलाई से टेलीविजन आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है. टेलीविजन उद्योग की दलील है कि वह दबाव में है क्योंकि पूर्ण रूप से तैयार पैनल की कीमत 50 प्रतिशत बढ़ गयी है और ओपन सेल पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क से टेलीविजन की कीमत करीब 4 प्रतिशत बढ़ेगी.
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उनका कहना है कि 32 इंच के टेलीविजन का दाम 600 रुपये और 42 इंच का दाम 1,200 से 1,500 रुपये बढ़ेगा. बड़े आकार के टेलीविजन के दाम में अधिक वृद्धि होगी. वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि प्रमुख ब्रांड 32 इंच टीवी के लिये 2,700 रुपये और 42 इंच के लिये 4,000 से 4,500 रुपये की मूल कीमत पर ओपन सेल आयात कर रहे हैं. एक सूत्र ने कहा कि ऐसे में अगर ओपन सेल पर 5 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है, यह 150 से 250 रुपये प्रति टेलीविजन से अधिक नहीं होगा. उसने कहा कि जबतक ओपन सेल का विनिर्माण घरेलू स्तर पर नहीं होता, विनिर्माण में सही मायने में तेजी नहीं आ सकती.