आईडीबीआई बैंक (IDBI BANK) ने अपने नए मालिक भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से 12,000 रुपये की और पूंजी की मांगी है, ताकि बढ़ते नुकसान के बीच वह अपने विशाल प्रावधान जरूरतों (फंसे हुए कर्जो की भरपाई) को पूरा कर सके. बैंक को ताजा मदद जनवरी-मार्च तिमाही के गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) की भरपाई के लिए चाहिए. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने IDBI BANK में 21 जनवरी को 51 फीसदी नियंत्रण हिस्सेदारी खरीदी थी. अधिग्रहण की औपचारिकता के चार महीने पहले की अवधि में बैंक को एलआईसी से कुल 21,624 करोड़ रुपये की पूंजी प्राप्त हुई थी.
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हाल ही में, IDBIऔर LIC के अधिकारियों ने वित्तीय सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी, जिसमें बैंक में और पूंजी डालने का मामले पर चर्चा हुई थी. LIC ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है. IDBI BANK ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4,185 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था. इस दौरान बैंक की कुल आय घटकर 6,190.94 करोड़ रुपये रह गई, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में बैंक की आय 7,125.20 करोड़ रुपये थी.
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समीक्षाधीन तिमाही में बैंक का Gross NPA 29.67 फीसदी हो गया, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 24.72 फीसदी था. हालांकि इस अवधि में बैंक के शुद्ध एनपीए में गिरावट आई और यह 14.01 फीसदी रही, जबकि दिसंबर 2017 तिमाही में बैंक का Net NPA 16.02 फीसदी था.
इसी का नतीजा है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक का फंसे कर्जो की भरपाई करने के लिए प्रावधान बढ़कर 5,074.80 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में यह 3,649.82 करोड़ रुपये था. सरकारी बैंकों में IDBI BANK का एनपीए सबसे अधिक था. ऐसे में बैंक को नियामकीय पूंजी बरकरार रखने के लिए सरकार ने पिछले साल 10,610 करोड़ रुपये की पूंजी दी थी.
Source : IANS