केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने डिस्प्ले (Display) के आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क (Import Duty) लगा दिया है, इससे मोबाइल फोन (Mobile Phones) के दाम तीन प्रतिशत तक बढ़ सकते है. इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने यह बात कही है. डिस्प्ले असेंबली और टच पैनल पर यह शुल्क एक अक्टूबर से लगाए जाने का प्रस्ताव था. आईसीईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने बयान में कहा कि इससे मोबाइल फोन की कीमतों में डेढ़ से तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.
यह भी पढ़ें: आम आदमी को लगा बड़ा झटका, LED-LCD TV खरीदना होगा महंगा
वर्ष 2016 में किया गया था प्रस्ताव
वर्ष 2016 में घोषित चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) के तहत उद्योग के साथ सहमति में इसे लगाने का प्रस्ताव किया गया था. आईसीईए के सदस्यों में एप्पल, हुवावेई, शियोमी, वीवो और विंस्ट्रॉन जैसी कंपनियां शामिल हैं. पीएमपी का उद्देश्य कलपुर्जों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना और उसके बाद इनके आयात को हतोत्साहित करना है. महेंद्रू ने कहा कि कोविड-19 महामारी और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के ‘एम्बार्गो’ की वजह से उद्योग डिस्पले असेंबली के उत्पादन को पर्याप्त मात्रा में बढ़ा नहीं पाया. इसमें उद्योग उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं बढ़ पाया। हम कलपुर्जों के घरेलू विनिर्माण को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, अब हमारा ध्यान वैश्विक बाजार में बड़ा हिस्सा हासिल करने पर है, सिर्फ आयात की ही भरपाई करने पर नहीं.
यह भी पढ़ें: सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट हुए श्रमिक संगठन, 26 नवंबर को करेंगे देशव्यापी हड़ताल
2016 में देश के पहले एलसीडी विनिर्माण कारखाने की स्थापना का था प्रस्ताव
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल प्रवर्तित वोल्कॉन इन्वेस्टमेंट्स ने ट्विनस्टार डिस्प्ले टेक्नोलॉजीज के नाम से 2016 में देश के पहले एलसीडी विनिर्माण कारखाने की स्थापना का प्रस्ताव किया था. इस पर 68,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था. हालांकि, इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी नहीं मिली और यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई. महेंद्रू ने कहा कि आईसीईए जल्द डिस्प्ले पारिस्थितिकी तंत्र पर रिपोर्ट लेकर आएगी.