केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने दिवाला एवं रिण शोधन कानून (Insolvency and Bankruptcy Code-IBC) के तहत नये मामले शुरू करने पर लगाई गई रोक को तीन महीने और बढ़ा दिया. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के दौरान आर्थिक गतिविधियों में आई रुकावट के चलते दिवाला कानून के तहत नये मामले शुरू करने पर रोक लगा दी गई थी.
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25 दिसंबर 2020 से शुरू होगी रोक की तीन माह की नई अवधि
कार्पोरेट कार्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर दिवाला कानून के तहत नये मामलों को लाने पर जारी निलंबन की अवधि को तीन माह के लिये और बढ़ा दिया. यह अवधि 24 दिसंबर 2020 को समाप्त हो रही थी. रोक की तीन माह की नयी अवधि 25 दिसंबर 2020 से शुरू होगी. सरकार ने इससे पहले जून में एक अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत दिवाला एवं रिण शोधन कानून के तहत नये मामले लाने की कार्रवाई को निलंबित कर दिया गया था. यह निलंबन 25 मार्च 2020 से अमल में लाया गया. देश में इसी दिन से लॉकडाउन लगाया गया था. इसी लॉकडाउन के चलते नई दिवाला प्रक्रिया को निलंबित रखा गया. इसके बाद सितंबर में संसद के मानसून सत्र के दौरान इस अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाया गया जिसे संसद ने पारित कर दिया था.
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शुरुआत में यह 25 मार्च से छह माह के लिये इसे निलंबित किया गया और उसके बाद निलंबन को तीन माह के लिये और बढ़ा दिया गया. अब इस निलंबन को तीन माह और बढ़ाकर 24 मार्च 2021 तक के लिये कर दिया गया है। कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से जूझ रही कंपनियों को राहत देने के लिये सरकार ने दिवाला एवं रिण शोधन कानून की धारा 7, 9 और 10 को निलंबित कर दिया था. ये धारायें वित्तीय रिणदाताओं, परिचालन रिणदाताओं और कंनी कर्जदारों की ओर से दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने से जुड़ी हैं.