एयर इंडिया (Air India) को बेचने की प्रक्रिया से जुड़े नियमों को केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने आसान बनाने का निर्णय लिया है. सरकार ने विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment-FDI) के नियमों को आसान करने का फैसला लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में FDI नियमों में बदलाव करने का निर्णय ले लिया गया है.
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एयर इंडिया के ऊपर है 60 हजार करोड़ का कर्ज
सरकार के इस फैसले के बाद एयर इंडिया के लिए विदेशी कंपनियां अब आसानी से बोली लगा सकेंगी. गौरतलब है कि लगभग 60,000 करोड़ रुपये के ऋण के कारण एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति बेहद खराब है. बता दें भारत सरकार ने एयर इंडिया (AI) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगाई है. बोलियां लगाने की आखिरी तारीख 17 मार्च 2020 है. सरकार ने सब्सिडियरी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयरपोर्ट सर्विस कंपनी AISATS को भी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की है. सरकार Air India Express से भी अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है. एयरलाइन के प्रबंधन पर नियंत्रण सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित किया जाएगा.
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बता दें कि उद्योगपति गौतम अडाणी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाला अडाणी समूह (Adani Group) एयर इंडिया (Air India) खरीदने के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले कंपनी एयर इंडिया के नीलामी दस्तावेज देख रही है. सरकार (Modi Government) ने एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए कंपनियों से आरंभिक सूचना जारी की है.
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एयर इंडिया के लिए बोली सौंपने की बढ़ सकती है तारीख
एयर इंडिया के लिए बोली सौंपे जाने की आखिरी तारीख को 17 मार्च से आगे बढ़ाए जाने की संभावना है. गृहमंत्री की अध्यक्षता वाला अंतरमंत्रालयी समूह नयी तारीख पर इस सप्ताह निर्णय कर सकता है. सरकार ने घाटे में चल रही एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए 27 जनवरी को आरंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया था.