केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (Bharat Petroleum Corporation Limited-BPCL) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रारंभिक बोली जमा करने की समयसीमा को चौथी बार बढ़ाकर 16 नवंबर तक कर दी है. इस बार इसमें डेढ़ महीने की बढ़ोतरी की गई है. सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने वाली है. बीपीसीएल भारत की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन विक्रेता व तीसरी सबसे बड़ी कच्चा तेल परिशोधन कंपनी है.
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने GST के सालाना रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाई
कोरोना वायरस महामारी की वजह से बढ़ाई गई समय सीमा
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने की मंजूरी दी थी. इसके लिए अभिरुचि पत्र या बोली सात मार्च तक आमंत्रित की गई थी. हालांकि, बाद में सरकार ने इस समयसीमा को दो मई तक और फिर 13 जून तक बढ़ाया. इसके बाद बोली लगाने की अंतिम तिथि को तीसरी बार 30 सितंबर तक बढ़ाया गया. निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने एक बयान में कहा कि इच्छुक बोलीदाताओं (आईबी) के अनुरोध और कोविड-19 महामारी से पैदा हुई मौजूदा स्थितियों को देखते हुए अभिरुचि पत्र जमा करने की अंतिम तारीख को आगे 16 नवंबर 2020 (शाम पांच बजे) तक बढ़ा दिया गया है.
यह भी पढ़ें: कोविड-19 महामारी का असर, जुलाई-सितंबर में आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री 46 फीसदी घटी
सरकार के पास कंपनी के 114.91 करोड़ शेयर
सरकार ने बीपीसीएल में अपनी समूची हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव किया है. सरकार के पास कंपनी के 114.91 करोड़ शेयर हैं जो कंपनी की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. इसके अलावा रणनीतिक खरीदार को कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी स्थानांतरित किया जाएगा. हालांकि इसमें कंपनी की नुमालीगढ़ रिफाइनरी में 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल नहीं है. नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एव गैस कंपनी को की जाएगी. बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वाली कंपनी को उसकी तीन रिफाइनरियों... मुंबई, केरल के कोच्चि और मध्य प्रदेश की बीना रिफाइनरी के अलावा 16,309 पेट्रोल पंपों, 6,113 एलपीजी वितरण एजेंसियों तथा देश के 256 विमानन ईंधन स्टेशनों में से 20 प्रतिशत से अधिक के करोबार का स्वामित्व मिलेगा. बोली प्रक्रिया की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि बीपीसीएल का अधिग्रहण करने की दौड़ में शामिल कंपनियों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण ईंधन बिक्री का खुदरा नेटवर्क है। इस बाजार में बीपीसीएल की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है.