केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न (GST Annual Return) और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा को एक महीने बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईटी) ने ट्वीट किया आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर चुनाव आयोग से उचित मंजूरी हासिल करने के बाद सरकार ने जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर 9सी के तहत वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख को 30 सितंबर 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है.
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मई में सरकार ने तीन महीने के लिए बढ़ाई थी समयसीमा
बता दें कि इससे पहले सरकार ने मई में 2018-19 के लिए वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को सितंबर 2020 तक तीन महीने के लिए बढ़ाया था. जीएसटीआर-9 एक वार्षिक रिटर्न है, जो करदाताओं द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शासन के तहत दाखिल किया जाता है. इसके तहत साल भर की कारोबारी गतिविधियों की पूरी जानकारी देनी होती है. जीएसटीआर-9सी एक तरह का ऑडिट फॉर्म होता है, जिसे जीएसटीआर-9 और ऑडिट किए गए वार्षिक वित्तीय विवरण के बीच एक सामंजस्य की घोषणा माना जाता है.
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आयकर विभाग ने स्रोत पर कर वसूली को लेकर जारी किए नए दिशानिर्देश
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने स्रोत पर कर वसूली (Tax collection at source-TCS) प्रावधान के लागू होने को लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिये. इसके तहत ई- वाणिज्य आपरेटर को एक अक्ट्रबर (1 Oct 2020) से माल एवं सेवाओं की बिक्री पर एक प्रतिशत की दर से कर लेना है. वित्त अधिनियम 2020 में आयकर कानून 1961 में एक नई धारा 194-ओ जोड़ी गई है. इसके तहत ई- कामर्स आपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि एक अक्ट्रबर 2020 से उसके डिजिटल अथवा इलेक्ट्रानिक सुविधा अथवा प्लेटफार्म के जरिये होने वाले माल अथवा सेवा अथवा दोनों के कुल मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से आयकर लेना होगा.