देश का बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट को 6.1 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे पहले अनुमान लगाया गया था कि यह 6.8 प्रतिशत रहेगी. इस बारे में शुक्रवार को जानकारी दी गई है. वित्त वर्ष 2018 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ रेट को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, वित्त वर्ष 2019 के लिए जीवीए को 6.6 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है.
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बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को सुबह में सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को बढ़ने का अनुमान लगाया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2020 (Economic Survey 2020) पेश किया था. इसमें उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने का भरोसा जताया था. फिलहाल वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी है. वहीं, इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान 6.8 फीसदी था.
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मोदी सरकार ने संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा से देश की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान के तौर तरीके और इसके आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर चल रही बहस को विराम देने का प्रयास किया था. इसमें कहा गया था कि आर्थिक वृद्धि के अनुमान को न तो बढ़ा-चढ़ाकर और न ही कमतर करके आंका गया है और आंकड़ों को लेकर जो चिंता जतायी जा रही है, वह अनुचित है.