केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) का प्रकोप कम होने के साथ ही विमानन कंपनियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने कहा है कि विमान कंपनियां अब 72.5 फीसदी की बजाय 85 फीसदी की यात्री क्षमता के साथ घरेलू उड़ानों का संचालन कर सकती हैं. नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने इसके अलावा किराये से जुड़े नियमों में भी बदलाव कर दिया है. मंत्रालय का कहना है कि अब हवाई किराये की निचली और ऊपरी सीमा महीने में सिर्फ 15 दिन ही लागू रहेगी और मौजूदा समय में यह व्यवस्था 30 दिन के लिए लागू थी. विमानन कंपनियां 31वें दिन से बगैर किसी सीमा के शुल्क वसूल कर रही थीं, लेकिन अब कंपनियां अब 16वें दिन से बगैर किसी सीमा के शुल्क लेने के लिए स्वतंत्र होंगी.
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पिछले साल मई में किराये की निचली और ऊपरी सीमा को किया गया था तय
उड्डयन मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक 20 सितंबर की तारीख से किराये की सीमा 4 अक्टूबर तक लागू होगी और 5 अक्टूबर या उसके बाद किसी भी तारीख को यात्रियों को सफर करने के लिए 20 सितंबर को हुई बुकिंग को नियंत्रित नहीं किया जाएगा. बता दें कि कोविड महामारी की वजह से देश में लगाए गए लॉकडाउन के बाद पिछले साल 25 मई को उड़ान सेवाएं शुरू होने पर किराये की निचली और ऊपरी सीमा को तय कर दिया गया था. बता दें कि इस साल 12 अगस्त को घरेलू हवाई सफर महंगा हो गया था. नागर विमानन मंत्रालय ने उस समय हवाई किराये की निचली और ऊपरी सीमा में 9.83 से 12.82 फीसदी की बढ़ोतरी कर दिया था.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 दिन पहले बुक किए जाने वाली टिकट पर सीमा बनी रहने से इमरजेंसी हवाई सफर पर सब्सिडी को जारी रहेगी. हालांकि अगर एक महीने पहले टिकट को बुक किया जाता है तो किराये की सीमा लागू नहीं होगी. इसका सीधा मतलब है कि कंपनियां अपने हिसाब से हवाई किराया वसूल सकेंगी. बता दें कि मौजूदा समय में 40 मिनट से कम अवधि की उड़ान के लिए न्यूनतम किराया 2,900 रुपये और अधिकतम 8,800 रुपये तय किया गया है. वहीं 180 से 210 मिनट की उड़ान के लिए न्यूनतम किराया 9,800 रुपये और अधिकतम 27,200 रुपये तय किया गया है.
HIGHLIGHTS
- अब हवाई किराये की निचली और ऊपरी सीमा महीने में सिर्फ 15 दिन ही लागू रहेगी
- अब कंपनियां अब 16वें दिन से बगैर किसी सीमा के शुल्क लेने के लिए स्वतंत्र होंगी