पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHD Chamber Of Commerce And Industry) ने एमनेस्टी स्कीम (Amnesty Scheme) के जरिए छोटे करदाताओं को राहत देने के सरकार की कोशिशों की सराहना की है, जिसके तहत वे अपने लंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और योजनाओं का फायदा उठा सकते हैं. पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि महामारी के कारण छोटे और मध्यम व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उन्हें कम विलंब शुल्क के साथ लंबित रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देकर, उन्हें रिटर्न दाखिल करने और उनके अनुपालन बोझ को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि 2 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले छोटे व्यवसायों के लिए वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने को वैकल्पिक बनाने के सरकार के फैसले की बहुत सराहना की गई है. अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने और लेट जीएसटी फीस में कमी से छोटे जीएसटी करदाताओं को फायदा होगा. पीएचडी चैंबर पिछले साल की तरह जीएसटी मुआवजा उपकर के लिए एक ही फामूर्ले को बनाए रखने के लिए सरकार के उपाय की सराहना करता है. अग्रवाल ने कहा कि सरकार को इस कदम के कारण 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार लेने होंगे और इसे राज्यों को देना होगा.
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अगस्त के आखिर तक आईजीएसटी से कुछ कोविड -19 राहत सामग्री को छूट देने का सरकार का कदम सही दिशा में एक कदम है और कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगा. अग्रवाल ने कहा, "ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली महत्वपूर्ण दवाओं को छूट देने के जीएसटी परिषद के फैसले की भी काफी सराहना की जा रही है. अग्रवाल ने कहा पीएचडी चैंबर को उम्मीद है कि पीएचडी चैंबर द्वारा चेरिटेबल अस्पतालों को दान के लिए आयात किए जा रहे 10 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को भी 12 प्रतिशत सीवीडी से छूट दी जाएगी.
HIGHLIGHTS
- कोरोना महामारी के कारण छोटे और मध्यम व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए: संजय अग्रवाल
- वार्षिक रिटर्न दाखिल करने को वैकल्पिक बनाने के सरकार के फैसले की सराहना की गई