केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री (Minister of Civil Aviation of India) हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एयर इंडिया (Air India) की बिक्री (Air India Sale) के लिए ठोस प्रस्ताव आएंगे, क्योंकि बोली की शर्तों को बड़े पैमाने पर संशोधित किया जा रहा है. पुरी ने कहा कि पिछली बार सरकार (Government) एयर इंडिया में 26 फीसदी हिस्सेदारी रख रही थी, लेकिन अब चीजें बदल गई हैं और ऐसा लगता है कि अब खरीददार एयर इंडिया एयरलाइन के लिए आगे आएंगे.
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हरदीप पुरी ने कहा कि मौजूदा ढांचे से परिचालन लागत नहीं पूरा किया जा सकता और एयर इंडिया को बेचने का यह सही समय है, जिसके पास वर्तमान में इस उद्योग (Industry) का एक सबसे आधुनिक बेड़ा है.
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सरकार ने बोली की शर्तो को किया संशोधित
नागरिक उड्डयन व शहरी विकास मंत्री पुरी ने कहा कि अगर यह स्थिति लंबे समय तक रहती है तो एक समय आएगा जब वित्त मंत्रालय हमें आर्थिक मदद देना बंद कर देगा. तब हमारे पास एक ही विकल्प बचता है.. एयर इंडिया को चलाने के लिए बैंकों से संपर्क करें. यह पूछे जाने पर कि पहले सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली आमंत्रित की थी, लेकिन प्रतिक्रिया उत्साहजनक नहीं रही थी. इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार ने अब उन शर्तो को संशोधित किया है, जो वर्तमान में काफी आकर्षक लगती हैं. मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रस्ताव आएंगे और सौदा होगा.
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एयर इंडिया (Air India) के लिए राज्य के वित्त पोषण के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि सरकारों की अपनी सीमाएं हैं. पुरी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के लिए, उदाहरण के लिए इस्पात क्षेत्र के लिए सरकार के पास एक राजस्व आधा सीमा है. यह पीएसयू को वित्तीय पैकेज देने के लिए एक खास सीमा से आगे नहीं जा सकती. बैंकों का भी इस मुद्दे पर अपना विचार है. इसलिए यदि आप को कुछ समय से संचालन में घाटा हो रहा है तो लोग कहेंगे कि इसको प्राइवेटाइज (Privatisation) करो.
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नए बोली प्रस्तावों पर उन्होंने कहा कि प्रक्रिया जारी है और बहुत जल्द बोली आमंत्रित की जाएगी. पुरी ने कहा कि पिछली बार हम एयर इंडिया का सौ फीसदी निजीकरण नहीं कर रहे थे. हमने सरकार के पास 26 फीसदी हिस्सेदारी रखने को कहा था। लेकिन अब बोली की शर्तो में बदलाव किया जा रहा है.