इस साल सामान्य मॉनसून (Monsoon) रहने से बढ़ती महंगाई झेल रहे लोगों को हल्की राहत मिल सकती है. अच्छी बारिश का असर खरीफ फसलों के उत्पादन पर पड़ता है, जिससे कुछ खास खाद्य पदार्थो के दाम घट सकते हैं. चावल, बाजरा, रागी, अरहर, मूंगफली, कपास, मक्का, सोयाबीन आदि खरीफ फसलें हैं और इनका उत्पादन अधिकतर अच्छे मानसून पर निर्भर करता है. इनकी बुवाई जून-जुलाई से शुरू होती है. गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के कारण उपजे आपूर्ति संकट से वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं, ईंधन, उर्वरक और अन्य कमोडिटी के दामों में आग लगी हुई है. ऐसे में मानसून के दौरान अच्छी बारिश खरीफ फसलों के उत्पादन को बढ़ा सकती है, जिससे महंगाई पर कुछ हद तक नियंत्रण किया जा सकता.
आईएमडी और स्काईमेट ने सामान्य बरसात की जताई उम्मीद
भारतीय मौसम विभाग के गुरुवार को और निजी एजेंसी स्काईमेट ने मंगलवार को दक्षिण पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान जारी किया. दोनों ने इस साल मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है. मौसम विभाग अपना पहला पूर्वानुमान अप्रैल में और दूसरा पूर्वानुमान मई के अंतिम सप्ताह में जारी करता है. मौसम विभाग के मुताबिक देश में 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत बारिश का अनुमान है, जो सामान्य है. बारिश का 96 प्रतिशत से कम होना सामान्य से कम और 104 प्रतिशत से अधिक होना सामान्य से अधिक होना माना जाता है.
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मार्च में खुदरा महंगाई रही 7 फीसद
इस साल मार्च में खुदरा महंगाई दर करीब सात प्रतिशत की दर से बढ़ी, जिसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि आरबीआई इस पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. मॉनसून के पूर्वानुमान ने लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को सुधरने का मौका दिया है. अच्छी बारिश न सिर्फ कृषि क्षेत्र के लिए जरूरी है, बल्कि इससे उद्योग जगत में भी बहार आती है. अच्छी बारिश के कारण कृषि मांग में तेजी आती है, जिससे उद्योग जगत को गति मिलती है. देश में पिछले तीन साल से अच्छी बारिश हो रही है. गत माह खुदरा महंगाई दर 7.68 प्रतिशत की तेजी से बढ़ी, जबकि फरवरी में इसकी दर 5.85 प्रतिशत और मार्च 2021 में 4.87 प्रतिशत थी.
HIGHLIGHTS
- देश में पिछले तीन साल से अच्छी बारिश
- महंगाई दर 7.68 प्रतिशत की तेजी से बढ़ी
- विशेषज्ञों ने दिए महंगाई से राहत के संकेत