Mutual Fund: सबसे पहले मैं यहां आपको बताना चाहूंगा कि इस खबर को पढ़ने के बाद आप अपनी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग करके उठेंगे. अगर आप ये पूरी खबर पढ़ते हैं तो आपके दिमाग में संदेह नहीं होगा. आप यह समझेंगे कि अगर आपको घर, गाड़ी, बच्चों की शादी के लिए पैसा और रिटायरमेंट के लिए धन चाहिए तो कैसे प्लानिंग करें. कहां से पैसा आएगा, कितना सेव करना और कितना पैसा कहां निवेश करना यह सबकुछ क्लियर होने वाला है.
पैसा जोड़ो मत, निवेश करो
यहां मैं आपको बता दूं कि पैसा जोड़ो मत, निवेश करो. उदाहरण के लिए अगर 3 साल पहले आपने अपने पास 10 लाख रुपये जोड़कर रखे थे तो आज भी उनकी वैल्यू 10 लाख ही होगी, बल्कि कम होगी. क्योंकि इन तीन सालों में महंगाई कहीं ज्यादा बढ़ गई है. वहीं, अगर इन 10 लाख रुपए का आप गोल्ड खरीदकर रख लेते तो उसकी वैल्यू आज 15 से 18 लाख रुपए होती.
महंगाई- जैसा कि आप जानते हैं कि महंगाई लगाता बढ़ रही है. कल जो एक लीटर दूध 30 रुपये का था आज वो 60 रुपए का है और कल उसकी कीमत 100 रुपये होगी. इसलिए पैसे की वैल्यू को बढ़ाना बहुत जरूरी है.
गोल्स- इसके साथ ही हमारे बहुत सारे गोल्स होते हैं. जैस की घर खरीदना, गाड़ी खरीदना, बच्चों की शादी और रिटारमेंट के लिए पैसा आदि.
इसके साथ ही पैसों को निवेश करने के हमारे कुछ विकल्प हैं-
-सेविंग अकाउंट
-FD
-RD
-गोल्ड और ज्वैलरी
-LIC में निवेश
-रियल एस्टेट
-क्रिप्टो
-स्टॉक मार्केट
-म्यूचुअल फंड
आज हम बात करेंगे निवेश के सबसे चर्चित और ट्रेंडिंग माध्यम म्यूचुअल फंड की-
Debt- जहां आपका पैसा गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, सरकारी बोंड्स और एफडी जैसी चीजों में लगता है. डेट म्यूचुअल फंड में रिस्क सबसे कम होता है और अच्छा रिटर्न भी मिलता है.
लिक्विड फंड- अगर आपके पास शॉर्ट टर्म के लिए कुछ पैसा पड़ा है और आप उस पर रिटर्न या ब्याज कमाना चाहते हैं. मान लो कि आपके बास 5 से 6 दिनों के लिए 10 लाख रुपया पड़ा है, जिसके कुछ दिन आपको यह रकम किसी को देनी है. ऐसे में अगर आप उसको अपने बैंक अकाउंट में ही रहने देते हैं तो आपको शून्य रिटर्न मिलता है, लेकिन अगर आप इस रकम को लिक्विड फंड में लगा देते हैं तो आपको कुछ एफडी जितना ब्याज मिल जाता है. मतलब आपका पैसा ब्याज के साथ वापस आएगा.
अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड- अगर आपके पास 6 माल के लिए पैसा पड़ा है तो आप अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में पैसा निवेश कर सकते हैं.
लॉ ड्यूरेशन फंड- अगर आपके पास 9 माह तक के लिए पैसा रखा है तो आप लॉ ड्यूरेशन फंड में पैसा डाल सकते हैं.
शॉर्ट टर्म फंड- कम से एक साल के लिए पैसा होना चाहिए
मिड टर्म फंड- एक से दो साल के लिए
गिल्ट फंड- यहां आपके पास कम से कम दो साल के लिए पैसा होना चाहिए. ये पैसा सरकारी सिक्योरिटीज में लगता है.
यहां गौर करने वाली बात यह है कि Debt में सेफ इंवेस्टमेंट होता है, लेकिन यहां रिटर्न इक्विटी से कम आता है. इसके साथ यहां समय यानी ड्यूरेशन बहुत मायने रखती है. म्यूचुअल फंड में आपके निवेश की अवधि जितनी कम होनी रिटर्न कम मिलेगा. इसके उलट अवधि जितनी ज्यादा होगी रिटर्न उतना ही बेहतर यानी 60 प्रतिशत तक मिलेगा. लेकिन यहां रिस्क रेट बहुत ही कम है, बिल्कुल न के बराबर.
Equity- अगर आप अपने पैसे पर ज्यादा ग्रोथ यानी रिटर्न चाहते हैं तो इक्विटी आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है. यहां आपका पैसा शेयर मार्केट में लगता है.
लार्ज कैप- इसका मतलब बड़ी कंपनियों से है. इनकी मार्केट कैपिटलाइजेशन बड़ी है. यहां कम से कम तीन साल के लिए पैसा इंवेस्ट होता है.
मिड कैप- इनका मार्केट कैपिटलाइजेशन ठीक-ठाक होता है. इसका मतलह है कि आपके पास ड्यूरेशन जितना ज्यादा होगा आप मिड कैप में पैसा लगा सकते हैं. यहां कम से कम 5 साल के लिए पैसा निवेश होना चाहिए.
स्मॉल कैप- ये वो कंपनियां हैं, जिनकी मार्केट कैप बहुत कम होती है. इसमे दोनों तरह की कंपनियां होती हैं लार्ज कैप और स्मॉल कैप. मसलन कुछ कंपनियां आपको कम रिटर्न देंगी तो कुछ बेहतर देंगी.
मल्टी या फ्लेक्सी कैप- यहां 6 साल या उससे ज्यादा के लिए पैसा निवेश होता है
Source : Mohit Sharma