आम बजट में लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax-DDT) में बदलाव और नए आयकर ढांचे (New Income Tax Slab) का म्यूचुअल फंड उद्योग (Mutual Fund Industry) पर किसी तरह का प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. म्यूचुअल फंड उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उद्योग ने अर्थव्यवस्था (Economy) में सुस्ती के बीच मजबूती दिखाते हुये अच्छी वृद्धि दर्ज की है.
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फ्रैंकलिन टेम्पलेटन इंडिया के निदेशक (बिक्री) पेशोतन दस्तूर ने कहा कि डीडीटी और नये आयकर ढांचे के प्रस्ताव से म्यूचुअल फंड उद्योग पर किसी तरह का प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. आम बजट पेश होने के बाद आगामी दिनों में म्यूचुअल फंड क्षेत्र की वृद्धि को लेकर कुछ आशंका जताई जा रही थी. उन्होंने कहा कि कर उद्देश्य से इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाओं में 2019 में आए कुल 1.4 लाख करोड़ रुपये के प्रवाह का मात्र दो प्रतिशत या 3,000 करोड़ रुपये है, लेकिन कर लाभ पाने के लिए बीमा योजनाओं में निवेश का हिस्सा अधिक है.
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अधिकारी ने कहा कि इस तरह की आशंका जताई जा रही है कि नए आयकर प्रस्तावों से लोग कर बचाने के लिए निवेश करने को प्रोत्साहित नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि कम आय वर्ग के निवेशक कर घोषणाओं से लाभान्वित होंगे. उन्हें कम कर का भुगतान करना होगा, जबकि पहले की व्यवस्था में उन्हें 30 प्रतिशत कर देना होता था.